आज के समय में भी भारत के ज्यादातर किसान पारंपरिक खेती करते हैं क्योंकि इसमें उन्हें अच्छा मुनाफा दिखता है. इन्हीं में से एक धान की खेती भी है, जिसे बड़े पैमाने पर देश के किसान करते हैं. लेकिन धान की खेती किसानों के लिए काफी मेहनत भरा होता है. हालांकि आज के आधुनिक युग में कई सारे कृषि यंत्र मौजूद हैं जिसके इस्तेमाल से धान की खेती करना भी आसान हो गया है. हम आपको यहां धान की खेती में इस्तेमाल होने वाले भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान, पूसा की कुछ बेहतरीन मशीनों के बारे में जानकारी देने जा रहे हैं.
मानव चालित धान गहाई यंत्र (Paddy Thresher, Manual)
उपयोगिता : धान की गहाई के लिए (विशेष रूप से पहाड़ी क्षेत्रों में
कार्य क्षमता : 30-40 किलोग्राम प्रति घंटा
शक्ति स्रोत : एक आदमी
लाभ : मैनुअल थ्रेशिंग की तुलना में इस थ्रेशर का उपयोग करने से थ्रेशिंग समय की बचत होती है और कड़ी मेहनत कम हो जाती है. इसका उपयोग पहाड़ी क्षेत्रों में किया जा सकता है क्योंकि एक व्यक्ति इस थ्ररेशर को उठा कर लें जा सकता है.
पर्व अंकुरित धान बुवाई यंत्र (Pregerminated Paddy Seeder)
उपयोगिता : धान की रोपाई के लिये तैयार खेत में पूर्व अंकुरित धान की बुवाई की मशीन
कार्य दक्षता : एक हेक्टेयर प्रति दिन
शक्ति स्रोत : मनुष्य चालित, दो आदमी
लाभ : इस मशीन के प्रयोग करने से पौध तैयार करने की आवश्यता नही होती है. धान की सीधे बुवाई कर सकते हैं.
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'पूसा' धान के पवाल को इकट्ठा करने व काटने की मशीन ('Pusa' Paddy straw collector cum Chopper)
उपयोगिता : कम्बाइन हार्वेस्टर से कटी धान के फसल को जमीन से 2-3 सें.मी. ऊपर से काटने व धान के पुवाल को 4-5 से.मी. के छोटे टुकड़े करने के लिये उपयुक्त.
शक्ति-स्रोत : 45 अश्व-शक्ति ट्रैक्टर
क्षेत्र क्षमता : 0.4 से 0.6 है./घंटा
विशेषता : मशीन में 0.86 घन मीटर कटे पुवाल को भंडारण करने की व्यवस्था है तथा कटे पुवाल को तेजी से अपघटित भी किया जा सकता है.