Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 13 November, 2018 5:51 PM IST
Wheat Farming

आज के समय में कृषि के क्षेत्र में नई-नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है जिसके लागत को कम कर लाभ बढ़ाने में काफी ज्यादा फायदा हो रहा है. ऐसी ही एक मशीन है जीरो टिलेज जिसके सहारे गेहूं की बुआई करने पर 1500 रूपये प्रति एकड़ की बचत होगी. 

दरअसल मध्य प्रदेश के धार जिले में कृषि विभाग गेहूं की उत्पादकता को बढ़ाने के लिए इस तकनीक को खेती के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में लगा है. जीरो टिलेज के प्रयोग से गेहूं की बुवाई करता है तो इससे खेत की जुताई में फायदा तो होगा ही साथ ही साथ इससे बीज की संख्या कम लगेगी.  

इसके सहारे आप खेत को बिना जोते ही जीरो टिलेज के सहारे आसानी से कर सकते है. इस तकनीक में पिछली फसल की कटाई के बाद उसके खड़े अवशेषों या फनों को जीरो टिलेज मशीन के द्वारा खेत को तैयार किया बिना ही बिजा जाता है. इसीलिए इसको सीधी बिजाई की तकनीक कहा जाता है. इस तकनीक का फायदा है कि इसमें खेत की मिट्टी से कम छेड़छाड़ की जाती है और पिछली मिट्टी के अवशेष धीरे-धीरे मिट्टी में बढ़कर भूमि की उर्वरता शाक्ति को बढ़ाने का काम करते है. इस विधि के सहारे गेहूं की उपज करने में काफी ज्यादा आसानी किसानों को एक राहत महसूस करवाती है.

नहीं चलाना पड़ता कल्टीवेटर

जीरो टिलेज मशीन को चलाने से खेत और उसकी मिट्टी को काफी ज्यादा फायदा होता है. इस तकनीक में सबसे खास बात यह है कि इस तकनीक के सहारे गेहूं की बुआई करने पर खेत की सफाई करने के लिए रोटावेटर को नहीं चलाना पड़ता है. 

कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिक डॉ आशीष त्रिपाठी ने बताया कि इस मशीन के सहारे गेहूं के बीजों और खाद को एक साथ खेतों में डाला दिया जाता है. इस विधि का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि इससे समय की काफी बचत हो जाती है जो कि किसानों के लिए काफी ज्यादा फायदेमंद है. साथ ही खेतों से धान कटने के तुरंत बाद ही गेहूं को लगाने में काफी ज्यादा आसानी हो जाती है. इससे सिंचाई में भी काफी सहायता मिल जाती है और किसानों को ज्यादा बचत होती है.

ऐसी होती है जीरो टिलेज मशीन

अगर हम जीरो टिलेज मशीन की बनावट के बारे में बात करें तो इस मशीन के दोनों तरफ ड्राइविंग व्हील होते है इसमें आवश्यकतानुसार दिए गए ग्रुप की सहायता से व्यवस्थित कर सकते है.

मशीन को चलाते समय पीछे दिए गए लकड़ी के फट्टे पर बैठकर एक व्यक्ति को यह आसानी से सुनिश्चित कर लेना चाहिए कि बीज या खाद सही रूप से निकल रहे है अथवा नहीं, साथ ही कोई नालकी बंद तो नहीं है.

English Summary: The cultivation of wheat will soon be supported by zero tileage
Published on: 13 November 2018, 05:53 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now