नदियों को प्रदूषण से मुक्त करने के लिए सरकार ने एक अहम कदम उठाया है. दरअसल, सरकार प्रदूषण को कम करने के लिए नदियों में सोलर बोट को चलाने की तैयार में तेजी से काम कर रही है. इन बोट की सहायता से पर्यटकों की यात्रा और भी सरल हो जाएगी और साथ ही इन्हें चलाना बहुत ही आसान होगा.
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस पहल की शुरुआत उत्तर प्रदेश सरकार ने की है जिसे दो चरणों में शुरु किया जाएगा. पहले चरण में उत्तर प्रदेश के प्रमुख तीर्थ स्थलों को शामिल किया गया है. जिनके नाम कुछ इस प्रकार से हैं. अयोध्या, काशी, मथुरा, प्रयागराज और गढ़मुक्तेश्वर आदि. दूसरे चरण में अन्य शहरों में इसे शुरू किया जाएगा.
सबसे पहले किस नदी में चलेगी सोलर बोट
मिली जानकारी के मुताबिक, सरकार के द्वारा शुरु की गई सोलर बोट पहले सरयू नदी में संचालित होगी. जो कि अयोध्या को सोलर सिटी (Solar City) के रूप में बनाने में मदद करेगी. देखा जाए तो उत्तर प्रदेश में सबसे अधिक नाव काशी, प्रयागराज और अयोध्या की नदियों में चलाई जाती है. ताकि श्रद्धालु सरलता से पूजा-अर्चना कर सके.
कब चलेगी सोलर बोट
अनुमान है कि सरकार के द्वारा इस सोलर बोट को मार्च 2024 तक संचालित कर दिया जाएगा. पहले चरण में बताए गए स्थलों के बाद इस बोट को चित्रकूट, आगरा, गोरखपुर, जौनपुर और इन शहरों के आस-पास स्थिति नदियों में भी सोलर बोट (Solar boat) को मंजूरी दी जाएगी. ताकि जितना हो सके नदियों को प्रदूषण से मुक्ति मिल सके.
उत्तर प्रदेश बनेगा पहला राज्य
देशभर में सोलर बोट को शुरु करने वाला उत्तर प्रदेश पहला राज्य बन जाएगा. क्योंकि अभी तक किसी भी राज्य ने नदियों की सुरक्षा को लेकर कोई खास कदम नहीं उठाया है. प्रदूषण से निजात पाने के लिए उत्तर प्रदेश ने यह बेहतरीन कदम उठाया है. देखा जाए तो देश का हर राज्य सोलर उपकरण (Solar Equipment) से कई तरह की तकनीकों को विकसित करता रहता है, लेकिन कभी नदियों की सुरक्षा के लिए ऐसा उपकरण नहीं तैयार किया है. लेकिन उत्तर प्रदेश सरकार ने यह कार्य पूरा करने का लक्ष्य ठाना है.
कितने लोग बैठने की होगी क्षमता
इस सोलर बोट के बनकर पूरी तरह से तैयार होने के बाद इसमें लगभग 15 लोग आसानी से बैठ सकते हैं. इसमें आपको धूप भी नहीं लगेगी. क्योंकि नाव की छत पर ही सोलर पैनल लगा होगा जो इसे चलाने में मदद करेगा.
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नाव के लिए बनेगा 40 मेगा वाट का प्लांट
इस सोलर बोट के लिए सरयू किनारे लगभग 40 मेगावाट का एक प्लांट तैयार किया जाएगा जिसे बनाने के लिए सरकार करीब 200 करोड़ रुपए खर्च करेगी.