आज मई महीने की शुरुआत हो चुकी है. रबी फसलों की कटाई के बाद अब जल्द ही खरीफ फसलों की बुवाई शुरू हो जाएगी. इसमें किसान अपनी खेतों में भिंडी, लौकी, बैंगन, करेला, अदरक, हल्दी, पालक, धनिया, गिलकी, तोरई, कद्दू, हरी मिर्च, बीन्स, टिंडा आदि जैसी सब्जियों की फसल लगाकर बेहतर मुनाफा कमा सकेंगे. इन फसलों को तैयार होने में ज्यादा समय भी नहीं लगता है. आज के समय में हर तरह की खेती शुरू से अंत तक आधुनिक मशीनों पर निर्भर हो गई है. यह किसानों का खर्च और मेहनत दोनों बचाने में मदद कर रही हैं. तो आइए जानें खरीफ फसलों की खेती में किन-किन मशीनों की जरुरत पड़ती है.
जुताई मशीन (Ploughing Machine)
चाहे सब्जी हो या धान-गेहूं किसी भी फसल की बुवाई से पहले खेतों को अच्छी तरह से तैयार करना जरुरी होता है. मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए इस तरह का कदम उठाना पड़ता है. इसमें जुताई मशीन या पावर वीडर मशीन का उपयोग किया जाता है. ये मशीन अकेले या ट्रैक्टर दोनों में जोड़कर खेतों में चलाई जाती है. लगभग सभी किसान इस मशीन का इस्तेमाल करते हैं. इससे सब्जी के पैदावार पर खास असर पड़ता है.
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सीडर मशीन
वहीं, जुताई के बाद सब्जी के फसलों की बुवाई शुरू होती है. जिसमें किसानों को सीडर मशीन की जरुरत पड़ती है. ये मशीन बीज को बराबर दूरी पर बोने में मदद करती है. इससे बुवाई का काम तुरंत हो जाता है. कहा जाता है कि हाथ से बुवाई करने पर भारी मात्रा में बीज वेस्ट होते हैं. ऐसे में यह मशीन बीज का नुकसान नहीं होने देती है.
बोरिंग या इरिगेशन मशीन
सब्जियों की बुवाई के बाद सिंचाई की जरुरत पड़ती है. इसके लिए बोरिंग मशीन या इरिगेशन मशीन का उपयोग किया जाता है. अब मशीन इतने हाईटेक हो गए हैं कि वह बिना किसी गाइडेंस के भी जरूरत के हिसाब से पौधों को पानी देने में सक्षम हैं.
हार्वेस्टिंग मशीन
अभी तक केवल धान व गेहूं की कटाई के लिए हार्वेस्टिंग मशीन का उपयोग किया जाता था लेकिन अब सब्जियों की तुड़ाई के लिए भी बाजार में कई मशीनें आ गईं हैं. हाथ से तुड़ाई करने में सब्जी के नुकसान होने की संभावनाएं ज्यादा होती है. ऐसे में इस मशीन का इस्तेमाल किया जाता है. ये किसानों का समय भी बचाती है.