भोपाल स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद - केंद्रीय कृषि अभियांत्रिकी संस्थान (आईसीएआर-सीआईएई) ने एक अत्याधुनिक यंत्र विकसित किया है, जो प्लास्टिक मल्च बिछाने और बीज बोने का काम एक साथ करता है. इस यंत्र का नाम है – ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर.
यह यंत्र खासतौर से उन किसानों के लिए उपयोगी है जो ऊँची क्यारियों में प्लास्टिक मल्च, ड्रिप सिंचाई लेटरल और बीज बोने का कार्य करते हैं. आमतौर पर इन कार्यों को हाथ से करना कठिन, समय लेने वाला और श्रमसाध्य होता है, जिसमें लगभग 29 मानव-दिन/हेक्टेयर की आवश्यकता होती है.
आईसीएआर-सीआईएई द्वारा विकसित यह यंत्र इन सभी कार्यों को एक साथ करने में सक्षम है. इसमें ट्रैक्टर की हाइड्रोलिक प्रणाली, हाइड्रोलिक मोटर (385 न्यूटन मीटर), चेन-स्प्रोकेट ट्रांसमिशन और एक्सेंट्रिक स्लाइडर क्रैंक मैकेनिज्म का उपयोग किया गया है. बीज मापने के लिए ट्रैक्टर से जुड़ा वैक्यूम ब्लोअर काम करता है, जिससे बीज सटीक ढंग से प्लास्टिक मल्च में डाले जाते हैं.
प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर की कीमत
यह मशीन 0.2 हेक्टेयर/घंटा की दर से काम कर सकती है और इसकी कार्य कुशलता 74% है. यह 1 मीटर चौड़ाई और 1.7 किमी/घंटा की गति पर काम करती है. यंत्र की कीमत लगभग ₹3,00,000/- है और इसका संचालन खर्च 1500 रुपए प्रति घंटा आता है. इसके अनुसार, इसका पेबैक पीरियड 1.9 वर्ष (लगभग 444 घंटे) और ब्रेक-ईवन पॉइंट 70 घंटे/वर्ष है.
इस यंत्र से कतार की दूरी (0.5-0.9 मीटर) और पौधों की दूरी (0.2-0.6 मीटर) को आसानी से समायोजित किया जा सकता है. यह मशीन मौजूदा मल्च लेयर मशीन की तुलना में 26 मानव-दिन/हेक्टेयर (89%) और ₹6600/हेक्टेयर (43%) की लागत बचाती है. यह यंत्र खासकर उन किसानों के लिए बहुत लाभकारी है जो खरबूजा, ककड़ी, स्वीट कॉर्न, बेबी कॉर्न, हरी मटर, भिंडी, फलियाँ जैसी उच्च मूल्य वाली सब्जियों की खेती करते हैं.
आईसीएआर-सीआईएई का यह अभिनव यंत्र समय, श्रम और लागत – तीनों की बचत कर किसानों की उत्पादकता बढ़ाने में अहम भूमिका निभा सकता है.