महिंद्रा ट्रैक्टर्स ने किया Tractor Ke Khiladi प्रतियोगिता का आयोजन, तीन किसानों ने जीता 51 हजार रुपये तक का इनाम Mandi Bhav: गेहूं की कीमतों में गिरावट, लेकिन दाम MSP से ऊपर, इस मंडी में 6 हजार पहुंचा भाव IFFCO नैनो जिंक और नैनो कॉपर को भी केंद्र की मंजूरी, तीन साल के लिए किया अधिसूचित Small Business Ideas: कम लागत में शुरू करें ये 2 छोटे बिजनेस, सरकार से मिलेगा लोन और सब्सिडी की सुविधा एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! सबसे अधिक दूध देने वाली गाय की नस्ल, जानें पहचान और खासियत
Updated on: 26 December, 2020 12:10 PM IST
solar baad

एक समय था जब किसानों की रातें खेतों में जंगली जानवरों को भगाने और पहरेदारी में ही निकल जाती थी, लेकिन आज नई तकनीकों के आने के बाद ये समस्या काफी हद तक कम हो गई है. हालांकि आज भी गांवों में पशुओं को खेतों से भगाने के लिए किसान ढोल पीटता, पटाखे फोड़ता या शोर मचाता हुआ आपको दिख जाएगा, लेकिन अब ये सूरत धीरे-धीरे बदल रही है. इस बदलाव को हिमाचल प्रदेश में बहुत साफ तौर पर देखा जा सकता है.

सोलर बाड़ से हो रही खेतों की सुरक्षा

प्रदेश की सरकार ने मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत किसानों की इस समस्या का बहुत हद तक निदान कर दिया है. दरअसल इस योजना के तहत राज्य में किसानों को सरकार खेतों की सुरक्षा के लिए सोलर बाड़बंदी प्रदान करवाती है. इस बाड़बंदी से जंगली जानवरों खेतों में नहीं आ पाते और फसलों के उजाड़ होने की समस्या किसानों को नहीं होती.

इस तरह काम करती है सोलर बाड़

इस सोलर बाड़ के संपर्क में आते ही जानवरों का करंट लगता है और वो खेतों से दूर भागते हैं. करंट का स्तर इतना कम है कि उससे किसी जानवर की मृत्यु नहीं हो सकती और न ही वो अपंग हो सकते हैं. बस इसके संपर्क में आने पर जोर का झटका लगता है और जानवर खेतों से दूर हो जाते हैं.

बजता है सोलर अलार्म

अगर इस बाड़ को पार कर करंट को सहते हुए कोई जानवर खेतों में आ भी जाता है, तो सोलर मशीन जोर का अलार्म बजाती है, जिसकी आवाज़ सुन जानवर भागने लग जाते हैं और किसान सचेत हो जाते हैं.

इन जानवरों से सुरक्षा में कारगर

आज राज्य में बड़ी तादाद में किसान सुअरों, बंदरों, नीलगायों और अन्य जंगली जानवरों से सुरक्षा के लिए सोलर बाड़ का उपयोग कर रहे हैं. कृषि विभाग द्वारा मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत उन्हें इसके लिए अनुदान भी मिल रहा है.

यहां करें आवेदन

इस सोलर बाड़ के लिए राज्य में किसानों को कृषि विभाग में जाकर आवेदन करना है, जिसके
बाद विभाग से सूचीबद्ध कंपनी ने अधिकारी किसानों के जमीन का आंकलन करते हैं. आंकलन के बाद आवेदन की सत्यता होने पर सब्सिडी दी जाती है.

लगाने की जिम्मेदारी कंपनी की

बाड़ लगाने का काम कंपनी के अधिकारियों का है. इसके साथ ही अगर बाड़ में कोई खराबी आती है या वो वो टूट जाता है तो उसकी मरम्मत की जिम्मेदारी भी कंपनी की है. बाड़ लगाने के लिए किसान आवेदन जमीन के कागज, आधार कार्ड और बैंक खाते के साथ कर सकते हैं.

85 प्रतिशत तक मिल रहा है अनुदान

इस काम के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को 85 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. इतना ही नहीं, अब सरकार द्वारा सोलर बाड़ लगाने के साथ-साथ कांटेदार तार लगवाने के लिए भी मुख्यमंत्री खेत संरक्षण योजना के तहत मदद दी जा रही है.

English Summary: government of himachal pradesh provide 85 percent subsidy on solar baad know more about solar baad and advantages
Published on: 26 December 2020, 12:16 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now