Hand Push Seeder: बदलते समय के साथ कृषि क्षेत्र में कई नए तरीके और तकनीकी नवाचार सामने आ रहे हैं. अब खेती किसानी के तरीके भी धीरे-धीरे बदल रहे हैं. पहले जहां किसानों को मक्का जैसी फसल की बुवाई में कई दिन लगते थे, वहीं अब एक किसान ने एक ऐसी तकनीक का इस्तेमाल किया है, जिससे वह कम समय में अधिक उत्पादन कर पा रहे हैं. फर्रुखाबाद जिले के कमालगंज क्षेत्र के किसान अखिलेश ने मक्के की बुवाई के लिए एक नई और बिना खर्च वाली मशीन का इस्तेमाल शुरू किया है, जिससे अब एक घंटे में एक बीघा फसल की बुआई आसानी से हो जाती है.
मशीन से बुवाई की नई विधि
खबरों के अनुसार, कमालगंज के कंधरापुर में रहने वाले किसान अखिलेश पिछले 20 सालों से मक्के की खेती कर रहे हैं. पहले मक्के की बुवाई के लिए उन्हें कई घंटे या दिनों तक मेहनत करनी पड़ती थी, लेकिन अब इस नई मशीन के आने से उनकी मुश्किलें आसान हो गई हैं. इस मशीन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसे चलाने के लिए किसी प्रकार के ईंधन या बिजली की जरूरत नहीं होती है. हाथों से चलने वाली यह मशीन न केवल खर्च बचाती है, बल्कि हल्की भी है, जिससे इसे आसानी से एक स्थान से दूसरे स्थान पर ले जाया जा सकता है.
मक्का बुवाई में तेज़ी और गुणवत्ता
यह मशीन मक्के के बीजों को एक समान दूरी पर और सही गहराई में जमीन में डालने का काम करती है. आमतौर पर मक्का बुवाई के दौरान बीज यदि ज्यादा ऊपर रह जाते हैं, तो बारिश के समय फसल गिरकर नष्ट हो जाती है, जिससे किसान को नुकसान होता है. लेकिन इस मशीन के जरिए बुवाई के समय बीज जमीन के नीचे गहरे जाकर बैठते हैं, जिससे पौधा मजबूत होता है और उत्पादन भी बेहतर होता है. खबरों के मुताबिक, इस मशीन की सहायता से मक्का का बीज एक समान गहराई में और बराबर दूरी पर बोया जाता है, जिससे पौधों का विकास सही तरीके से होता है. इससे न केवल फसल की गुणवत्ता में सुधार आता है, बल्कि उत्पादन भी बढ़ जाता है.
मशीन का लाभ और इसकी लागत
इस मशीन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इसमें किसी प्रकार के फ्यूल या बिजली का खर्च नहीं आता. अखिलेश कहते हैं कि पहले मक्का बुवाई के दौरान काफी समय और मेहनत लगती थी, लेकिन अब इस मशीन की मदद से समय और श्रम दोनों की बचत हो रही है. एक घंटे में इस मशीन से एक बीघा फसल की बुवाई आसानी से हो जाती है, जिससे किसान पहले से कहीं ज्यादा फसल उगाने में सक्षम हो गए हैं. इस मशीन की लागत भी बहुत कम है, और इसकी देखभाल भी आसान है. किसान इसे खुद चलाने में सक्षम हैं, जिससे उन्हें मजदूरों पर खर्च करने की जरूरत नहीं पड़ती.
किसानों के लिए लाभकारी तकनीक
खबरों के मुताबिक, फर्रुखाबाद क्षेत्र के अन्य किसानों के लिए यह मशीन बेहद लाभकारी साबित हो रही है. किसान अखिलेश की तरह कई किसान अब इस तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं. इस मशीन की सरलता और लाभकारी पहलू ने कई किसानों को आकर्षित किया है और यह उम्मीद जताई जा रही है कि आने वाले समय में इस तरह की तकनीकें कृषि क्षेत्र में और भी प्रभावी रूप से अपनाई जाएंगी.