गन्ने की खेती (Ganne ki kheti) किसान भाइयों के लिए सबसे अच्छी नकदी फसल मानी जाती है. लेकिन किसान इसकी अच्छी फसल प्राप्त करने के लिए परंपरागत तरीकों को अपनाते हैं, जिसमें उनका बेहद समय और लागत भी अधिक लगती है.
किसानों की इन दिक्कतों को देखते हुए कृषि वैज्ञानिकों ने ऐसा बेहतरीन उपकरण तैयार किया है, जिसकी मदद से किसानों को पैसा और समय दोनों की बचत होगी और साथ ही वे इससे अधिक पैदावार भी प्राप्त कर सकते हैं. तो आइए इस लेख में गन्ना कृषि उपकरण के बारे में विस्तार से जानते हैं कि यह कैसे आपके लिए फायदेमंद है.
गन्ने की खेती के लिए कृषि उपकरण (Farming Equipment for Sugarcane Farming)
कली रोपण मशीन
इस मशीन का इस्तेमाल किसान खेत में गन्ने की रोपाई और कवकनाशी दवाओं के छिड़काव के लिए सरलता से कर सकते हैं. देखा जाए तो यह मशीन गन्ने की खेती को बहुत सरल बना देती है.
आपको बता दें कि इस मशीन को चलाना बेहद सरल होता है, इसे आपको बस ट्रैक्टर के पीछे लगाना है और फिर इसे आपको अपने खेत में चलाना शुरू कर देना है.
इस मशीन में दो पंक्तियों में गन्ने की कली मौजूद होती है. एक कली रोपण तंत्र और दूसरा सेंसर आधारित कवकनाशी अनुप्रयोग है.
इसके अलावा कली रोपण मशीन में गन्ने का फीडिंग सिस्टम, गन्ने की कलियों की पहचान के लिए विजन सिस्टम और गन्ने की कलियों की कटाई करने के लिए भी मेकाट्रॉनिक्स (Mechatronics) सिस्टम आदि कई बेहतरीन फीचर्स की सुविधा भी दी गई है.
शुगर केन प्लांटर मशीन
यह गन्ने की मशीन 8 घंटे में लगभग ढाई एकड़ गन्ना पौध की रोपाई सरलता से कर सकती है. अगर आप शुगर केन प्लांटर मशीन से खेत में गन्ने की रोपाई करते हैं, तो आप लगभग 92 क्विंटल गन्ने की बचत कर सकते हैं.
इस मशीन को चलाने के लिए किसान को 3 व्यक्तियों की जरूरत पड़ती है. एक ट्रैक्टर चलाने के लिए और दो ट्रैक्टर के पीछे लगी मशीन पर बैठ कर काम करते हैं. पीछे बैठे व्यक्ति ट्रे में पौधे को रखते हैं और फिर मशीन उसे खेत में रोपाई करती जाती है.
बता दें कि इस मशीन से गन्ने के साथ-साथ इंटरक्रॉपिंग में भी किसी तरह की कोई कठिनाई नहीं आती है. इसकी मदद से किसान अपने खेत में गन्ने के साथ लगभग 20 तरह की फसलें को लगा सकते हैं.
इस मशीन की मदद से किसान सरलता से खाद-स्प्रे भी कर सकते हैं. इससे उनका समय और लागत दोनों बचेगा.
बाजार में शुगर केन प्लांटर मशीन की कीमत लगभग 2 लाख रुपए तक है. इसे खरीदने के लिए सरकार की तरफ से भी अनुदान दिया जाता है. ताकि किसान अपनी आय को बढ़ा सके.