योग करने से न केवल तन स्वस्थ रहता है बल्कि मन भी प्रसन्न होता है. अगर रोजाना योग का अभ्यास किया जाए तो शरीर की सुस्ती भी भाग जाती है और मानसिक शांति का अनुभव होता है तो आइए जानते हैं वह कौन से आसन हैं जिन्हें करने से शरीर चुस्त-दुरुस्त और तंदरुस्त रहता है.
सुप्त मत्स्येंद्रासन
नाम के विपरीत यह आसन करना बेहद आसान है. इसे करने के लिए सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं. दोनों हाथों को 180 डिग्री के कोण पर या कंधों की सीध में रखें. अब दायें पैर को घुटनों से मोड़ें और ऊपर उठाएं और बांये घुटने पर टिकाएं. अब सांस छोड़ते हुए दायें कुल्हे को उठाते हुए पीठ को बाईं ओर मोड़े और दायें घुटने को जमीन पर नीचे की ओर ले जाएं. इस दौरान आपके दोनों हाथ अपनी जगह पर ही रहने चाहिए. आपका सिर बायीं ओर रहेगा. यही क्रिया आपको बाएं पैर के साथ करनी है. इस क्रिया को आप 3 से 5 बार कर सकते हैं. इससे आपकी पीठ, नितंब, रीढ़ और कमर की हड्डियां और मांसपेशियां मजबूत रहेंगी.
पवनमुक्तासन
पवनमुक्तासन क्रिया का अभ्यास करना बेहद ही आसान है. सबसे पहले जमीन पर लेट जाएं और ध्यान रहे कि पैर दोनों एक सीध में हो और हाथ बगल में रखें. एक गहरी सांस लेकर उसे छोड़ते हुए अपने घुटनों को छाती की ओर ले आएं और जांघों को अपने पेट पर दबाएं. अपने हाथों को पैरों के चारों ओर इस तरह से जकड़ें जैसे कि आप अपने घुटनों को टिका रहे हों.
वक्रासन
वक्रासन को बैठकर किया जाता है. इसमें आपका मेरूदंड सीध में होता है. इसे करने के लिए सबसे पहले अपने दोनों पैरों को सामने फैलाकर बैठ जाएं और मेरूदंड को सीध में रखें. अपने दोनों हाथों को आंखों की सीध में सामने हाथ के पंजों को जोड़ें सांस अंदर लेते हुए दायीं तरह जाएं और सांस छोड़ते हुए वापस पूर्व की मुद्रा में आएं. अब यही क्रिया बायीं ओर करनी है. इसे आप 3 से 5 बार करें. इसे करने में जल्दबाजी न दिखाएं.
तड़ासन
इस आसन में खडे़ होकर अपने पैरों, कमर और गर्दन को एक सीधी लाइन में रखिए. अपनी उंगलियों को सामने की तरफ कर मुट्ठी बांधिए. सांस लेते हुए अपनी बंद मुट्ठी के साथ अपने हाथों को ऊपर की तरफ उठाइए. सांसों को रोककर अपनी एडी को धीरे-धीरे उठाइए. आपने शरीर को ऊपर की तरफ जितना संभव हो खींचिए. फिर सांसों को छोडते हुए सामान्य स्थिति में आइए. इस क्रिया को 5 से 10 बार दोहराइए.
त्रिकोणासन
अपने हाथों को और पैरों को बराबर फैला लीजिए. दोनों हाथों को ढीला छोडकर लटकने दीजिए. सांस को अंदर खींचते हुए दाहिने हाथ को आसमान की तरफ ऊपर ले जाइए. और बाएं हाथ को शरीर से सटाकर नीचे ही रहने दीजिए. अपने हाथ और पैरों को सीधा रखिए. सांस को बाहर छोडते हुए दाहिने हाथ की तरफ झुकिए, इस बीच आपका दाहिना हाथ जमीन के समानांतर होना चाहिए. इसके बाद तेजी से बाएं हाथ से जमीन को छूने की कोशिश कीजिए. सांस लेते हुए सामान्य स्थिति में आइए. इसी क्रिया को विपरीत दिशा में भी दोहराते हुए कम से कम 5 बार कीजिए.