RFOI Award 2025: UP के सफल किसान मनोहर सिंह चौहान को मिला RFOI अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित RFOI - First Runner-Up: सफल किसान लेखराम यादव को MFOI Awards 2025 में मिला RFOI-फर्स्ट रनर-अप अवार्ड, अजय मिश्र टेनी ने किया सम्मानित पराली प्रबंधन का नया मॉडल: पंजाब और हरियाणा के किसान बदल रहे तस्वीर Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 21 January, 2019 5:34 PM IST

दिल्ली हो या कोई भी दूसरा शहर, सर्दियों के मौसम में लोग-बाग अपने लिए कोट अवश्य सिलवाते हैं. कुछ रेडीमेड कोट के शौकिन होते हैं तो कुछ सिलाई वाले कोट के दिवाने होते हैं. समय के साथ-साथ कोट में भी कईं वैरायटी होती हैं. ऐसे में कस्टमर को कुछ सवाल हमेशा परेशान करते हैं जैसे -

1. कोट कहां से सिलवाएं ?

2. कोट का कपड़ा कैसा हो ?

3. कोट किस डीज़ाइन का हो ?

4. बढ़िया फिटिंग कैसे मिले ?

इन सब सवालों का जवाब आज हम आपको एक अलग ही अंदाज में देंगे. कोट के मामले में सबसे बड़ी समस्या सही फिंटिंग को लेकर होती है क्योंकि यदि कोट की फिटिंग सही न हो तो कोट पहनना या न पहनना एक जैसा ही हो जाता है. इसलिए सही फिटिंग कोट के लिए ज़रुरी है कि आपको सही दर्ज़ी मिले. एक कहावत है कि अगर नाई की जगह पर बंदर के हाथ में कैंची आ गई तो फिर बाल नहीं, सर कट जाता है. इसलिए सही दुकान और सही दर्ज़ी अहम भूमिका निभाते हैं.

कौन ठग रहा है आपको ?

आज हम आपको दिल्ली की एक ऐसे बाज़ार के बारे में बताएंगे जो प्रसिद्ध तो बहुत है, परंतु हमें लगातार मिल रही सूचनाओं से यह प्रमाणित हो गया है कि कोट के नाम पर यहां पैसों का बाज़ार चलाया जा रहा है. इस बाज़ार का नाम बाबू मार्केट है जो सरोजनी नगर मार्केट में ही आती है. बाबू मार्केट में कोट की कुछ ही दुकानें हैं जहां से लोग कोट सिलवा तो रहे हैं लेकिन आए दिन उन कोटों में कुछ न कुछ नुस्ख निकल रहा है, जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कस्टमर को एक बार पूरी पेमेंट देने के बाद भी उन दुकानों के चक्कर रोज़ लगाने पड़ रहे हैं.

दर्ज़ी नहीं है काम के

अगर आप बाज़ार से सब्ज़ी लेते हैं और पता चले कि सब्ज़ी अंदर से खराब निकली तो इसमें बेचने वाले का कोई दोष नहीं है. लेकिन यदि कोट सिलवाते हैं और कोट आपको परेशान करता है तो इसमें पूरा दोष दर्ज़ी और दुकान मालिक का है. दर्ज़ी का इसलिए क्योंकि माप लेने से लेकर सिलने तक, सब काम उसका है और मालिक पर इसलिए कि वह यह जानते हुए भी कि दर्ज़ी निकम्मा है उसने उसे दुकान पर रखा हुआ है. इसमें दर्ज़ी और दुकान मालिक का कुछ नहीं बिगड़ता, परंतु एक कस्टमर जो बड़ी उम्मीदों से अपने लिए एक कोट चाहता है जिसे वह शादियों और दूसरे कार्यक्रमों में पहनने की आरज़ू रखता है, उसका तो समय और पैसा दोनों बरबाद हो जाता है. मगर इस तरीके से दुकान चलाने वालों को यह देखना होगा कि उनकी दुकान ऐसे कब तक चलेगी ?

एक दिन ऐसा ज़रुर होगा जब उसका नाम बाज़ार में खराब हो जाएगा और कस्टमर उनकी दुकानों से नदारद होगा

कहां मिलेंगे बेहतरीन रेडीमेड या सिलाई कोट

दिल्ली हमेशा से कपड़ों के मामले में किसी से कम नहीं रही है. दिल्ली में ऐसे बहुत से बाज़ार और दुकानें हैं जहां जाकर आप अपने लिए मनचाहा कोट सिलवा सकते हैं. यहां आपको कोट के कपड़े, डिज़ाइन, सिलाई और फिटिंग को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. ये बाज़ार हैं - करोल बाग, सीलमपुर, मीना बाज़ार और कोटला मुबारकपुर.

English Summary: where to buy coat.
Published on: 21 January 2019, 05:37 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now