Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 21 January, 2019 5:34 PM IST

दिल्ली हो या कोई भी दूसरा शहर, सर्दियों के मौसम में लोग-बाग अपने लिए कोट अवश्य सिलवाते हैं. कुछ रेडीमेड कोट के शौकिन होते हैं तो कुछ सिलाई वाले कोट के दिवाने होते हैं. समय के साथ-साथ कोट में भी कईं वैरायटी होती हैं. ऐसे में कस्टमर को कुछ सवाल हमेशा परेशान करते हैं जैसे -

1. कोट कहां से सिलवाएं ?

2. कोट का कपड़ा कैसा हो ?

3. कोट किस डीज़ाइन का हो ?

4. बढ़िया फिटिंग कैसे मिले ?

इन सब सवालों का जवाब आज हम आपको एक अलग ही अंदाज में देंगे. कोट के मामले में सबसे बड़ी समस्या सही फिंटिंग को लेकर होती है क्योंकि यदि कोट की फिटिंग सही न हो तो कोट पहनना या न पहनना एक जैसा ही हो जाता है. इसलिए सही फिटिंग कोट के लिए ज़रुरी है कि आपको सही दर्ज़ी मिले. एक कहावत है कि अगर नाई की जगह पर बंदर के हाथ में कैंची आ गई तो फिर बाल नहीं, सर कट जाता है. इसलिए सही दुकान और सही दर्ज़ी अहम भूमिका निभाते हैं.

कौन ठग रहा है आपको ?

आज हम आपको दिल्ली की एक ऐसे बाज़ार के बारे में बताएंगे जो प्रसिद्ध तो बहुत है, परंतु हमें लगातार मिल रही सूचनाओं से यह प्रमाणित हो गया है कि कोट के नाम पर यहां पैसों का बाज़ार चलाया जा रहा है. इस बाज़ार का नाम बाबू मार्केट है जो सरोजनी नगर मार्केट में ही आती है. बाबू मार्केट में कोट की कुछ ही दुकानें हैं जहां से लोग कोट सिलवा तो रहे हैं लेकिन आए दिन उन कोटों में कुछ न कुछ नुस्ख निकल रहा है, जिससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. कस्टमर को एक बार पूरी पेमेंट देने के बाद भी उन दुकानों के चक्कर रोज़ लगाने पड़ रहे हैं.

दर्ज़ी नहीं है काम के

अगर आप बाज़ार से सब्ज़ी लेते हैं और पता चले कि सब्ज़ी अंदर से खराब निकली तो इसमें बेचने वाले का कोई दोष नहीं है. लेकिन यदि कोट सिलवाते हैं और कोट आपको परेशान करता है तो इसमें पूरा दोष दर्ज़ी और दुकान मालिक का है. दर्ज़ी का इसलिए क्योंकि माप लेने से लेकर सिलने तक, सब काम उसका है और मालिक पर इसलिए कि वह यह जानते हुए भी कि दर्ज़ी निकम्मा है उसने उसे दुकान पर रखा हुआ है. इसमें दर्ज़ी और दुकान मालिक का कुछ नहीं बिगड़ता, परंतु एक कस्टमर जो बड़ी उम्मीदों से अपने लिए एक कोट चाहता है जिसे वह शादियों और दूसरे कार्यक्रमों में पहनने की आरज़ू रखता है, उसका तो समय और पैसा दोनों बरबाद हो जाता है. मगर इस तरीके से दुकान चलाने वालों को यह देखना होगा कि उनकी दुकान ऐसे कब तक चलेगी ?

एक दिन ऐसा ज़रुर होगा जब उसका नाम बाज़ार में खराब हो जाएगा और कस्टमर उनकी दुकानों से नदारद होगा

कहां मिलेंगे बेहतरीन रेडीमेड या सिलाई कोट

दिल्ली हमेशा से कपड़ों के मामले में किसी से कम नहीं रही है. दिल्ली में ऐसे बहुत से बाज़ार और दुकानें हैं जहां जाकर आप अपने लिए मनचाहा कोट सिलवा सकते हैं. यहां आपको कोट के कपड़े, डिज़ाइन, सिलाई और फिटिंग को लेकर घबराने की आवश्यकता नहीं है. ये बाज़ार हैं - करोल बाग, सीलमपुर, मीना बाज़ार और कोटला मुबारकपुर.

English Summary: where to buy coat.
Published on: 21 January 2019, 05:37 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now