कभी कमर में, कभी जोड़ों में तो कभी किसी और हिस्से में, हम जीवनभर शरीर के अलग-अलग अंगों में होने वाले दर्द से जूझते रहते हैं. परंतु कभी-कभी कुछ अंगों की पीड़ा इतनी भयंकर होती है कि व्यक्ति की स्थिति दयनीय हो जाती है. ऐसी ही एक पीड़ा है - गर्दन की. हमारे सर से लेकर कंधे तक जो हिस्सा होता है उसे सर्वाइकल कहते हैं परंतु डॉक्टरों ने इस स्थान पर होने वाली पीड़ा को भी 'सर्वाइकल' नाम दिया है. इस लेख को लिखने का एक ही मकसद है कि लोगों के बीच सर्वाइकल को लेकर जो मिथ या भ्रम हैं वह दूर हो जाएं और लोग बेफिज़ूल में भ्रम न पालें.
क्या होता है सर्वाइकल और क्या हैं इसके लक्षण
सर से लेकर कंधों तक के भाग को सर्वाइकल कहा जाता है परंतु जब इस भाग में एक तरह की गांठ बनने लगती है तो उसे सर्वाइकल कहा जाता है. सर्वाइकल के कुछ मुख्य लक्षण हैं जो इस प्रकार हैं -
गर्दन में दर्द रहना
गर्दन में एक या दो-तीन दिन दर्द का रहना आम बात हो सकती है परंतु जब यही पीड़ा कुछ समय या लंबे समय तक रहे तो वह सर्वाइकल का लक्षण है.
गर्दन में सूजन आना
बेवजह ही गर्दन में सूजन आना सर्वाइकल का लक्षण हो सकता है क्योंकि गर्दन में सूजन आना आम बात नहीं है. हां, अगर पीड़ा आम है तो वह एक-दो दिन में ठीक हो जाएगी.
गांठ बनना या गर्दन में अकड़न
यदि आपको गर्दन में अकड़न या गांठ महसूस हो रही है तो यह चिंता का विषय है. ऐसी परिस्थिति में आप फौरन नज़दीकी अस्पताल जाएं और डॉक्टर को दिखाएं.
तो करें क्या
रोग के विषय में बताकर उसका इलाज न बताना बेमानी है इसलिए सर्वाइकल जैसी पीड़ादायक बीमारी से बचने के लिए आपको कुछ बेहद ही आसान सुझाव हम दे रहे हैं
सोने और लेटने की मुद्रा को ठीक करें
बात बहुत मामूली है परंतु सर्वाइकल की शुरुआत इसी से होती है. हमारे गलत तरह से सोने और लेटने की मुद्रा से हमारे सर्वाइकल भाग की मांसपेशियों पर वजन पड़ता है जिससे उनमें खिंचाव आ जाता है और यही खिंचाव आगे चलकर सर्वाइकल का रुप ले लेता है.
देर तक न रहें एक ही मुद्रा में
आजकल की जीवनशैली ऐसी हो गई है कि हर व्यक्ति बड़े से बड़ा और छोटे से छोटा काम कंप्यूटर और लैपटॉप पर कर रहा है और इसी के चलते वह घंटों एक जैसी मुद्रा में बैठा रहता है. लंबे समय तक ऐसा करने से सर्वाइकल भाग में अकड़न आ जाती है इसलिए चाहे ऑफिस में रहें या घर पर, छोटा-मोटा व्यायाम करते रहें.
योगा से ही होगा
सर्वाइकल में यदि कुछ ऐसा है जो आपको हमेशा से इस पीड़ा से निजात दिला सकता है तो वह है - योग. योग से सर्वाइकल का पक्का इलाज संभव है और यह बहुत आसान भी है. आपको करना बस इतना है कि एक कुर्सी पर बैठकर कंधों को आगे से पीछे और फिर पीछे से आगे घूमाना है. इसके बाद यही क्रिया गर्दन के भाग में भी दोहरानी है. एक हफ्ते में आपको सर्वाइकल से आराम मिल जाएगा.