कहते हैं कि उम्र बढ़ने के साथ-साथ मांसपेशियों में दिक्कत आना शुरु हो जाती है परंतु मांसपेशियों में इन दिक्कतों के आने की और भी वजह है. बहुत ही कम लोग जानते हैं कि मांसपेशियों में कमजोरी और खिंचाव आने के पीछे सबसे बड़ी वजह है - शरीर में पानी की मात्रा का कम होना. आज इस लेख में हम आपको इसी विषय के बारे में बताएंगे.
पानी कितना ज़रुरी है
मानव शरीर में 70 प्रतिशत पानी होता है और शरीर का ऐसा कोई भाग नहीं है जहां पानी न हो. ऐसे में यदि शरीर में पानी की मात्रा कम होती है तो शरीर के दूसरे भाग इसे मदद करते हैं परंतु शरीर में पानी की मात्रा का बहुत कम हो जाना शरीर को कईं तरह से नुकसान पहुंचा सकता है. पानी हमारे शरीर में लचीलेपन को बनाए रखता है और शरीर में डीहाईड्रेशन को बढ़ने नहीं देता जिससे स्वास्थ्य का संतुलन बना रहता है. इसके अलावा भोजन पचाने से लेकर मल क्रिया करने तक में पानी का महत्व होता है और यदि शरीर में पानी की ही कमी हो जाए तो शरीर का संतुलन बिगड़ जाता है.
कैसे आ जाता है मांसपेशियों में खिंचाव
यदि आप पानी कम पीते हैं या पीते ही नहीं तो इस बात का ध्यान अवश्य रखें कि आपको दौड़ना नहीं चाहिए. ऐसा इसीलिए है क्योंकि पानी की वजह से मांसपेशियों में सख्ती नहीं आती या यूं कहें कि मांसपेशियां आपकी हर गतिविधि के लिए तैयार रहती हैं. कईं लोग कहते हैं कि - वह ज़रा सा दौड़े थे और तभी जांगो में खिचांव आ गया या पीठ में खिंचाव आ गया. इसकी सबसे बड़ी वजह पानी की कमी ही है. दौड़ने के बाद जिस खिंचाव या दर्द का अहसास लोग करते हैं उसे 'ग्रोइंग पेन' कहते हैं. कभी-कभी यही 'ग्रोइंग पेन' काफी दर्दभरा हो जाता है और ऐसी स्थिति में डॉक्टर पानी पीने की सलाह ही देते हैं.
कमज़ोरी है बड़ी समस्या
मांसपेशियों में कमज़ोरी का आना आज बहुत आम हो गया है और इसकी सबसे बड़ी वजह यही है कि युवा पीढ़ी पानी के महत्व को नहीं समझ रही है और उसके उलट जंक और दूसरे तरह के भोजन को अपनी जीवनशैली का हिस्सा बना रही है. व्यायाम को लेकर आलसी है और यही वजह है कि युवा पीढ़ी बहुत जल्दी कमज़ोर होती जा रही है क्योंकि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बहुत कम है.
पानी का करें रोज़ सेवन
कोशिश करें कि एक दिन में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी अवश्य पीएं और नित्य व्यायाम करें व पौष्टिक आहार को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं.