बदलते मौसम में कई प्रकार के फल मार्केंट में देखने को मिलते हैं, जो हमारी सेहत के लिए काफी लाभकारी भी माने जाते हैं. आज हम आपको ऐसे ही एक खास फल के बारे में बताएंगे, जिसके सेवन से आपका शरीर कई बीमारियों से लड़ सकेगा. दरअसल, जिस फल की हम बात कर रहे हैं, उसमें ऐसे कई गुणों मौजूद है, जिसके फायदे जानकार आप कहेंगे कि क्या यह फल चमत्कारी है. जी हां, यह जादूई फल सिंघाड़ा है. सिंघाड़ा फल/ Water chestnut fruit दुनिया में सबसे ताकत और पोषक तत्व से भरपूर होता है.
बता दें कि सिंघाड़े की खेती/ Cultivation of water chestnut भारत के कई राज्यों में की जाती है. उत्तरप्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा, झारखंड के किसान इसकी खेती सबसे अधिक करते हैं. ऐसे में आइए सिंघाड़े की फायदे/ Water Chestnut Benefits के बारे में जानते हैं...
सिंघाड़े खाने से होंगे ये 5 जबदस्त फायदें/ 5 Amazing benefits Eating water chestnuts
1. स्किन के लिए फायदेमंद (Beneficial for skin)
सिंघाड़ा हमारी त्वचा के लिए बहुत लाभकारी होता है क्योंकि इसमें मौजूद एंटी-ऑक्सीडेंट गुण होते हैं, जो हमारी स्किन को स्वस्थ और चमकदार बनाने में मदद करते हैं.
2. हड्डियों के लिए लाभकारी (Beneficial for bones)
पानी में पाये जाने वाले इस फल सिंघाड़े में ये तत्व कैल्शियम और फास्फोरस भरपूर मात्रा में होता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करते हैं.
3. कोल्ड और कफ में लाभकारी (Beneficial in Cold and Cough)
जिस तरह से मौसम में बदलाव आ रहा है ऐसे में कोल्ड और कफ की समस्या अधिक देखने को मिलती हैं, ऐसे में सिंघाड़े में पाए जाने वाले विटामिन, खनिज और एंटीऑक्सीडेंट खांसी और गले की समस्याओं से तुरंत राहत दिलाने में कामगार साबित होते हैं.
4. बवासीर के रोगियों लिए फायदेमंद (Beneficial for piles patients)
बवासीर बिमारी एक आम बिमारी बन गयी है, ऐसे में ये चम्तकारी फल सिंघाड़ा जो बहुत लाभकारी है जिसमें फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो बवासीर के लक्षणों को कम करने में मदद करता है.
5. आंतों की बिमारी से दिलाता है निजात (Provides relief from intestinal disease)
इस फल के सेवन करने से आंतों की बिमारियां नहीं होती है. क्योंकि ये फल आंतों के साथ पेट को भी साफ करने में असरदार है.
नोट: अगर आपको सिंगाड़े के सेवन करने से एलर्जी या कब्ज जैसी समस्या होती है , तो अपने डॉक्टर की सलाह से ही इस फल का सेवन करें.
लेखक: रवीना सिंह