आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में किसी के पास खुद की सेहत पर ध्यान देने का समय नहीं है. इस वजह से देश में तमाम प्रकार के रोग बढ़ते जा रहे हैं और शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी कम हो गई है. ऐसे में आज हम बात करेंगे थायराइड रोग के बारे में, जो आजकल एक आम बीमारी बनकर उभर रही है.
थायराइड क्या है?
हमारे शरीर के गर्दन के अंदर कॉलरबोन के अंदर के भाग में तितली के आकार की एक छोटी सी ग्रंथि होती है. जिसका काम हमारे शरीर के लिए हार्मोन बनाता है. यह ग्रंथि हमारे दिल, दिमाग़ और शरीर के दूसरे अंगों को सुचारु रुप से चलाने वाले हॉर्मोन का उत्सर्जन करती है. जब यह थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पाती है तो व्यक्ति की शारीरिक क्षमता कमजोर होने लगती है और हमारे शरीर का वजन भी घटने लगता है.
थायराइड के प्रकार:
हाइपोथायरायडिज्म थायराइड: यह थायरॉयड ग्रंथि में थायराइड हार्मोन की कमी के कारण होता है और मुख्यतः छोटे बच्चों में पाया जाता है.
हाइपरथायरायडिज्म थायराइड: यह थायरॉयड ग्रंथि में ऊतक के निर्माण के कारण होता है. इस रोग में थायरॉयड ग्रंथि हार्मोन को अधिक मात्रा में पैदा करने लगती है.
घेंघा थायराइड: इसे घेंघा रोग के नाम भी जाना जाता है, जो शरीर में आयोडीन की कमी के कारण होता है.
थायराइड कैंसर: यह सबसे गंभीर और लाइलाज प्रकार की बीमारी है. इसका इलाज केवल सर्जरी के जरिए ही किया जा सकता है. जब थायरॉइड कैंसर होता है तो थायरॉइड ग्रंथि में एक गांठ बन जाती है और यह आकार में धीरे-धीरे बड़ी होने लगती है.
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थायराइड की समस्या में करें इन चीजों का सेवन:
आयोडीन: थायराइड की समस्या से पीड़ित लोगों को आयोडीन युक्त भोजन का सेवन करना चाहिए. यह थायरॉयड ग्रंथि में होने वाले दुष्प्रभावों को कम करता है.
डेयरी उत्पाद: थायराइड के रोग में दूध, दही, पनीर और अन्य डेयरी उत्पादों का सेवन जरुर करना चाहिए. इस रोग से समाधान के लिए कैल्शियम, विटामिन और खनिज की आवश्यकता होती है.
मुलेठी: इसमें कई प्रकार के पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो थायराइड ग्रंथि से हार्मोन के स्त्राव को संतुलित करने में सहायक होते हैं. इसके सेवन से थकान और कमजोरी की समस्या भी दूर होती है.