बरसात का मौसम शुरू होते ही कीड़ों का आगमन होने लगा है. इस मौसम में इनकी आबादी तेजी से बढ़ती है. आपको भी कीड़े-मकोड़ो, चींटी, कॉक्रोच, मक्खी, झींगुर, दीमक आदि के प्रकोप का डर सताने लगा होगा. मानसून के इस मौसम में इन कीटों से बीमारियां पनपती है. चलिए आज हम आपको बताते हैं कि कैसे आसान से तरीकों के सहारे आप कीड़ों से छुटकारा पा सकते हैं.
साफ-सफाई
गंदगी का मतलब कीड़ों को आमंत्रण देने जैसा है. इसलिए जरूरी है कि बरसात के मौसम में घर की साफ-सफाई का काम जारी रहे. धूप आने पर खिड़की-दरवाजों को खोलकर कुछ देर रोशनी आने दें.
गाजर घास का करें उपयोग
जिस भी जगह पर बल्ब लगा रखा है, वहां पास में गाजर घास रखें. गाजर घास के प्रयोग से मक्खी-मच्छर बल्ब पर नहीं मंडराते हैं. वैसे जितना हो सके कम बल्ब का उपयोग करें.
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डीडीटी का छिड़काव करें
बरसाती मौसम में मक्खी-मच्छर अंडे देते हैं, मक्खियों से हैजा हो सकता है, वहीं मच्छरों से मलेरिया, चिकनगुनिया, डेंगू जैसे रोग हो सकते हैं. इसलिए जरूरी है कि कूड़े-कचरे के डिब्बे को कक्ष से बाहर ही रखा जाए. कूड़ेदान पर ढक्कन जरूर लगा हो, इस बात का ख्याल रखें. डीडीटी का छिड़काव करना फायदेमंद है, अगर आप चाहें तो फर्श पर फिनाइल या फिटकरी पाउडर डाल कर पोछा लगा सकते हैं.
छिपकलियों का आगमन है फायदेमंद
वैसे घर में अगर छिपकलियों का आगमन हो चुका है, तो ये आपके लिए अच्छा ही है. छिपकलियों के आने का मतलब है कि आपके बिना किसी खर्चे के कीड़ों का सफाया होने वाला है. आम तौर पर छिपकलियों से आपको किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी, लेकिन फिर भी एक समय के बाद आपको ऐसा लगने लग जाए कि इनकी संख्या बढ़ती जा रही है, तो आप कई उपाय कर सकते हैं. जैसे घर में लगे फोटो फ्रेम, कलेंडर आदि को हटा दें. जगह-जगह मोर पंख को लगाने से भी छिपकलियां घर से भागती है.