Titar Farming: किसानों के लिए है बेहद फायदेमंद तीतर पालन, कम लागत में होगी मोटी कमाई ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा बढ़ा, 7.5% अधिक हुई बुवाई, बंपर उत्पादन होने का अनुमान Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 26 December, 2018 5:54 PM IST
By:

आजकल बाज़ार में असली चावल के साथ नकली यानी प्लास्टिक का चावल मिलाकर बेचा जाता है. यह नकली चावल असली चावल में इस कदर मिल जाता है कि आप इसके रूप, रंग, आकार और यहां तक कि उसके स्वाद में भी फर्क नहीं कर पाएंगे। चीन से आने वाला यह नकली प्लास्टिक वाला चावल बाजार में दिखने वाले असली चावल की ही तरह दिखाई देता है। इसके अलावा पकने के बाद भी आप प्लास्टिक चावल और नकली चावल में फर्क नहीं कर सकते है।

लेकिन क्या आप जानते है कि नकली चावल को खाने से आप कई गंभीर बीमारियों के शिकार हो सकते है। इसे खाने से आपका पेट भी खराब हो सकता है। एक कटोरी चावल, एक बैग पॉलीथिन के बराबर होता है। सोचिए अगर आप इस प्लास्टिक के चावल को खा लेंगे तो आपकी सेहत का क्या हाल होगा ?

ऐसे करें असली और नकली चावल की पहचान

1. चमकः प्लास्टिक का चावल असली चावल की तुलना में ज्यादा चमकदार होता है।

2. आकारः अगर आप दो तरह के चमकीले चावल को एक साथ मिलाकर देखेंगे तो, तो सारे चावलों की मोटाई और आकार सबकुछ एक जैसा ही दिखाई देगा।

3. वजनः नकली चावल का वजन असली चावल की तुलना में हल्का होता है। इसीलिए तौलने पर नकली चावल की मात्रा काफी ज्यादा होती है।

4. भूसीः नकली चावल बिल्कुल साफ-सुथरा होगा जबकि असली चावल में कहीं ना कहीं धान की भूस तो मिल ही जाएगी।

5. खुशबूः चावल को पकाते समय उसे सूंघ कर देखे। प्लास्टिक के चावल पकते वक्त बिल्कुल प्लास्टिक की तरह ही गंध पैदा करते हैं।

6. कच्चापनः प्लास्टिक का चावल काफी देर तक पकने के बाद भी ठीक तरीके से पक नहीं पाता, वहीं दूसरी ओर असली चावल पूरी तरह से पक जाता है।

7. मांडः जब भी आप नकली चावल को पकाते हैं तो उसके ऊपर सफेद पानी की मांड जम जाती है जबकि असली चावल के साथ ऐसा नहीं होता है।

अगर नकली चावल के मांड को कुछ देर तक धूप में रख दिया जाए तो यह पूरी तरह से प्लास्टिक बन जाता है जिसे आसानी से जलाया भी जा सकता है। इस तरीके से आप नकली और असली दोनों चावल की आसानी से पहचान कर सकते है।

किशन अग्रवाल, कृषि जागरण

English Summary: Learn how to make real and fake rice
Published on: 26 December 2018, 05:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now