Groundnut Variety: जून में करें मूंगफली की इस किस्म की बुवाई, कम समय में मिलेगी प्रति एकड़ 25 क्विंटल तक उपज खुशखबरी! अब किसानों और पशुपालकों को डेयरी बिजनेस पर मिलेगा 35% अनुदान, जानें पूरी डिटेल Monsoon Update: राजस्थान में 20 जून से मानसून की एंट्री, जानिए दिल्ली-एनसीआर में कब शुरू होगी बरसात किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 19 January, 2023 12:32 PM IST
कोदो के स्वास्थ्य लाभ

कोदो के हैं कई स्वास्थ्य लाभ, कई गंभीर बीमारियों से लड़ने में है बेहद कारगर, इसके सेवन से हृदय संबंधिक कई बीमारियां रहेंगी दूर...

देश समेत पूरी दुनिया में मोटा अनाज के लिए कवायत काफी तेज हो गई है. यह वर्ष यानि कि 2023 अंतराष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है. मोटे अनाज में कई अनाज शामिल हैं, जिसमें कोदो भी इसी श्रेणी में आता है. कोदो में भरपूर मात्रा में पौषक तत्व पाए जाते हैं, जो स्वास्थ्य के लिए काफी लाभदायक है.

कोदो क्या है?

कोदो, कोडा या आर्क जिसका वानस्पतिक नाम पस्पालुम स्क्रोबिकुलट है. कोदो की खेती भारत, नेपाल, वियतनाम, फिलीपींस, इंडोनेशिया और पश्चिम अफ्रीका में बड़े पैमाने पर की जाती है. कोदो का पौधा चार फीट तक लंबा होता है. कोदो की खेती के लिए कम पानी की आवश्यकता होती है. कोदे के बीज 1.5 मिमी चौड़ाई और 2 मिमी लंबाई में छोटे, हल्के भूरे से गहरे रंग के होते हैं. कोदो की घास को पशुओं के आहार के रुप में खिलाया जाता है. बता दें कि इसे हिंदी में कोदो धना, तेलुगु में अरिकालु, तमिल में वरागु, गुजराती में कोड्रो, कन्नड़ में हरका, उर्दू में कोडन कहा जाता है.

कोदो में पौषक तत्व

कोदो पोषक तत्वों का भंडार है, यह चावल और गेहूं का एक बेहतरीन विकल्प है. कोदो में प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, वसा, कैल्शियम, आयरन, पॉलीफेनोल्स आदि पौषक तत्वों की भरमार होती है. यहीं कारण है कि कोदो को स्वास्थ्य के लिए लाभदायक माना जाता है. तो आइए जानते हैं कोदो के सेवन के स्वास्थ्य लाभ.

कोदो मधुमेय में उपयोगी

यदि आप डायबिटिज से जूझ रहे हैं, तो बाजरा पर स्विच करने का समय आ गया है. कोदो के सेवन से रक्त शर्करा के स्तर में अचानक वृद्धि को रोका जा सकता है, साथ ही इंसुलिन के स्तर को बढ़ाने के लिए कोदो का सेवन लाभदायक साबित हो सकता है. रिसर्च की मानें तो कोदो ग्लाइकेटेड हीमोग्लोबिन के स्तर को काफी कम कर देता है और  मधुमेह रोगियों को थोड़ी राहत मिलती है.

हृदय संबंधित बीमारियों में कारगर

कोदो शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट का एक प्रभावशाली स्रोत है. कोदो में मौजूद फेनोलिक अर्क एलडीएल या खराब कोलेस्ट्रॉल को कम करता है तथा हृदय को स्वस्थ रखता है, रक्तचाप के स्तर को कम करता है और विभिन्न अन्य पुरानी स्थितियों को रोकता है. ये एंटीऑक्सिडेंट कोशिकाओं, ऊतकों को नुकसान पहुंचाने वाले मुक्त कणों के खिलाफ भी काम करते हैं और इस प्रकार विभिन्न प्रकार के कैंसर को रोकते हैं.

कोदो वजन घटाने में सहायक

लोग वजन कम करने के लिए विभिन्न तरकीबों को अपनाते हैं, मगर इससे उन्हें बहुत वक्त बाद असर दिखना शुरू होता है. वजन कम करने के लिए आपको कोदो का सेवन जरूर करना चाहिए. क्योंकि यह चयापचय गतिविधि को ट्रिगर करता है, विशेष रूप से किशोर लड़कों और लड़कियों में चयापचय सिंड्रोम से लड़ता है, इस प्रकार कमर, पेट और कूल्हों के आसपास की चर्बी को कम करने में सहायता करता है.

कोदो स्वस्थ दिल

हृदय संबंधी समस्याएं दुनिया भर में होने वाली मौतों का प्रमुख कारण हैं. इन दिनों हार्ट अटैक से मौतों की खबरें तो आपने सुनी ही होंगी, जिसे रोकने के लिए जरूरी है कि आपका हृदय स्वास्थ्य बना रहे. स्वस्थ आहार का मतलब है स्वस्थ दिल और कोदो का नियमित सेवन न केवल इस महत्वपूर्ण अंग को स्वस्थ रखता है बल्कि खराब कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी कम करता है, रक्तचाप को नियंत्रित करता है, चिंता से लड़ता है और आपको खुश रखता है. अंत में हृदय संबंधित बीमारियां आपसे दूर रहती हैं.

ये भी पढ़ेंः जानें क्या है मोटा अनाज, सरकार क्यों दे रही है इसे बढ़ावा

घाव भरने में सहायक

घाव और जख्मों को ठीक करने के लिए कोदो एक घरेलू उपाय है. एक चम्मच ताजे कोदो के आटे को पानी के साथ मिलाएं और इसे त्वचा पर प्रभावित जगह पर लगाने से दर्द कम होता है और घाव भरने की प्रक्रिया भी तेज होती है.

English Summary: Know the health benefits of kodo millets
Published on: 19 January 2023, 12:40 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now