नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 27 October, 2022 3:23 PM IST
सहजन एक लाभ अनेक

सहजन (Drumstick Tree या वानस्पतिक नाम मोरिंगा ओलिफेरा (Moringa oleifera)) एक बहु उपयोगी पौधा है. इसे सहजना, सुजना, सेंजन और मुनगा आदि नामों से भी जाना जाता है. इसके विभिन्न भाग अनेकानेक पोषक तत्वों से भरपूर पाये गये हैं. सहजन की पत्तियों और फली की सब्ज़ी बनती है. मोरिंगा की पत्तियों में पालक की तुलना में तीन गुना अधिक आयरन होता है. इसका कभी-कभी जड़ी-बूटियों में भी उपयोग होता है.

सहजन के लगभग सभी अंग (पत्ती, फूल, फल, बीज, डाली, छाल, जड़ें, बीज से प्राप्त तेल आदि) खाये जाते हैं. मोरिंगा में फाइबर अधिक होता है. इसका फल पतला लंबा और हरे रंग का होता है जो पेड़ के तने से नीचे लटका होता है. सहजन के पेड़ का हर एक हिस्सा बहुत फ़ायदेमंद होता है और खाने के साथ ही बीमारियों के इलाज में भी उपयोग किया जाता है. मोरिंगा का उपयोग इसके औषधीय गुणों और स्वास्थ्य लाभों के कारण सदियों से किया जाता रहा है.

मोरिंगा में विभिन्न प्रकार के प्रोटीन,  विटामिन और खनिज होते हैं. इसमें एंटीफ़ंगल, एंटीवायरल, एंटीडिप्रेसेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी होते हैं. औषधीय वनस्पति के रूप में सहजन की पत्तियां एवं फूल को घरेलू उपचार में हर्बल मेडिसिन के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. इसके फूलों एवं फलों को सब्ज़ियों के रूप में उपयोग किया जाता है. सहजन का गूदा और बीज का सूप, करी और सांभर में इस्तेमाल किया जाता है. सहजन का सूप इसकी पत्तियों, फूलों, गूदेदार बीजों से बनाया जाता है जोकि बहुत ही पोषण युक्त होता है और स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होता है. मोरिंगा के पेड़ का हर हिस्सा स्वास्थ्य लाभ प्रदान करता है .

   सहजन के लाभ -

  • पेट के लिए: पेट की समस्याओं के लिए सहजन कारगर है. सहजन हल्का रेचक है, अतः यह पेट साफ करता है. फाइबर की वजह से यह कब्ज़ दूर करता है. पेट के कीड़े और जीवाणुओं से भी सहजन मुक्ति दिलाता है. सहजन की जड़ का पाउडर पेट में पाए जाने वाले राउंड वर्म (helminth worms) को खत्म करता है.

  • वजन घटाने में: सहजन में डाईयूरेटिक गुण होते हैं जोकि शरीर की कोशिकाओं में अनावश्यक जल को कम करता है.  इसके एंटी-इन्फ्लेमेटोरी गुण शरीर का सूजन कम करते हैं. फाइबर से भरपूर सहजन शरीर में चरबी अवशोषण कम करता है. सहजन इन्सुलिन रेजिस्टेंस कम करके अनावश्यक चरबी जमने से रोकता है.

  • गर्भावस्था में: सहजन में पाए जाने वाले भरपूर विटामिन, मिनेरल्स जैसे पोषक तत्व गर्भवती औरत का स्वास्थ्य अच्छा करते हैं. सहजन का सेवन गर्भवती औरत को कमजोरी व होने वाले बच्चे को कुपोषण से बचाता है। दूध पिलाने वाली माताओं के लिए सहजन बहुत ऊपयोगी है। सहजन की पत्ती को घी में गर्म करके प्रसूता स्त्री को दिए जाने से दूध की कमी नहीं होती और जन्म के बाद की कमजोरियों जैसे थकान आदि का भी निवारण होता है। बच्चे का स्वास्थ्य सही रहता है और वजन भी बढ़ता है। सहजन में पाए जाने वाला पर्याप्त कैल्शियम किसी कैल्शियम सप्लीमेंट से कई गुना अच्छा है.

यह भी पढ़ें-  सहजन की खेती कर एक एकड़ से सालाना कमाए 6 लाख रूपये, मिलेगी 50 फिसद तक सब्सिडी

  • थॉयराइड में: थॉयराइड रोगी को सहजन ज़रूर खाना चाहिए. जिनकी थॉयराइड ग्रंथि अधिक सक्रिय होती है, वे सहजन खाते है तो बढ़ा हुआ थॉयराइड स्राव कम होने लगता है. थॉयराइड रोग की दो स्थिति Graves disease and Hashimoto's disease से सहजन का सेवन रोग मुक्ति दिलाता है.

  • बालों के लिएः सहजन एक अच्छा हेयर टॉनिक है. सहजन के ज़िक, विटामिन और एमिनो एसिड्स मिलकर केराटिन बनाते हैं, जोकि बालों की वृद्धि के लिए बहुत आवश्यक है. सहजन की फली में मिलने वाले बीज में एक खास तेल होता है जिसे ठमद वपस कहते हैं, यह तेल बालों को लम्बे, घने करता है और डैंड्रफ,  बाल झड़ने की परेशानी दूर करता है.

  • त्वचा के लिएः कई स्किन रोगों में सहजन का उपयोग करके लाभ उठा सकते हैं. सहजन का तेल सोरायसिस, एक्ज़िमा रोग में लगाने से लाभ होता है. सहजन के बीजों के तेल को Acne, Blackhead समस्या में चेहरे पर लगाने से इसका क्लींजिंग और एंटीसेप्टिक गुण इन्हें खत्म करता है. त्वचा के लिए उपयोगी विटामिनों, एंटीओक्सिडेंट गुणों से भरपूर यह तेल चेहरे की झुर्रियां और महीन लकीरें दूर करता है.

  • किडनी स्टोन समस्या के लिएः किडनी में स्टोन (पथरी) की समस्या में सहजन कारगर है. यह किडनी में जमे अनावश्यक कैल्शियम को शरीर से बाहर निकालता है. इससे स्टोन नहीं बनने पाता और यह किडनी स्टोन से होने वाले दर्द और जलन को भी कम करता है.

  • कोलेस्टेरॉल एवं शुगर लेवल घटाएः सहजन ब्लड शुगर लेवल और कोलेस्ट्रॉल लेवल को संतुलित करता है. ये हाई ब्लड शुगर लेवल को कम करता है. कोलेस्ट्रॉल कम करने की वजह से यह ह्रदय के लिए अच्छा होता है.

  • सहजन के एंटीऑक्सीडेंट के लाभः सहजन के एंटी ऑक्सिडेंट शरीर की कोशिकाओं की मरम्मत करते हैं. पोषण गुणों से भरपूर सहजन ऊर्जा की कमी पूरी करता है और जल्दी थकान नहीं होने देता. सहजन में पाए जाने वाले बेहतरीन एमिनो एसिड्स नए ऊतक बनाते हैं, अतः यह शरीर के विकास के लिए अच्छा होता है.

  • कैंसर में: सहजन कैंसर प्रतिरोधी है. इसके एंटी ऑक्सिडेंट, Kaempferol, Quercetin, Rhamnetin तत्व कैंसर प्रतिरोधी होते हैं. यह स्किन, लीवर, फेफड़े और गर्भाशय के कैंसर होने से सुरक्षा करता है.

  • दिमाग के लिएः दिमागी स्वास्थ्य के लिए सहजन बहुत अच्छा होता है. सहजन डिप्रेशन, बेचैनी, थकान, भूलने की बीमारी, अनिद्रा ठीक करता है.

  • सहजन की सब्ज़ी के फ़ायदेः हृदय रोग, मेटाबोलिक डिसऑर्डर जैसे डायबिटीज, इन्सुलिन रेजिस्टेंस आदि की वजह से होनी वाली जलन और सूजन से सहजन राहत दिलाता है. सहजन की पत्ती के अतिरिक्त इसकी फली, फूल, बीज में भी यह गुण पाए जाते हैं. सहजन का सेवन अस्थमा, हाइपरटेंशन, रूमेटाइड आर्थराइटिस, एनीमिया, आंत का अल्सर भी ठीक करता है और घाव जल्दी भरता है.

  • सहजन के फूल के फायदेः सहजन के फूलों की चाय पोषण गुणों से भरपूर होती है. ये चाय यूरिन इन्फ़ेक्शन, सर्दी-ज़ुकाम ठीक करती है. सहजन के फूल सलाद के रूप में भी खाए जाते हैं.                                     

‘पल्लवी सिंह और ज़ीनत अमान'

पी. एच. डी. शोध छात्रा

पारिवारिक संसाधन प्रबन्ध एवं उपभोक्ता विज्ञान विभाग, खाद्य विज्ञान एवं पोषण विभाग

आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कुमारगंज, अयोध्या

English Summary: know the benefits of drumstick tree
Published on: 27 October 2022, 03:34 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now