नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद करेंगे कृषि जागरण के 'मिलियनेयर फार्मर ऑफ इंडिया अवार्ड्स' के दूसरे संस्करण की जूरी की अध्यक्षता Millets Varieties: बाजरे की इन टॉप 3 किस्मों से मिलती है अच्छी पैदावार, जानें नाम और अन्य विशेषताएं Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान! आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Organic Fertilizer: खुद से ही तैयार करें गोबर से बनी जैविक खाद, कम समय में मिलेगा ज्यादा उत्पादन
Updated on: 2 November, 2019 4:06 PM IST

अगर आपको भी पीठ में दर्द, कमर में अकड़न और जोड़ों में दर्द की शिकायत रहती है तो जरा सावधान हो जाइये. ये दर्द आगे चलकर आपके लिए मुसिबत का कारण बन सकता है. जी हां, जोड़ों के जिस दर्द से आपके रातों की नींद खराब होती है वो खतरे की घंटी है कि अब आपका स्वास्थ सबसे गंभीर स्थिती में पहुंच गया है. आगे चलकर ये बहुत संभावित है कि आप स्पांडिलाइटिस के शिकार हो जाएं. स्पांडिलाइटिस एक ऐसी बीमारी है जो हमारे हृदय, फेफड़े और आंत समेत शरीर के सभी महत्वपूर्ण अंगों को प्रभावित करती है.

क्या कहते हैं विशेषज्ञः

इस बारे में विशेषज्ञों की माते तो जोड़ो के दर्द को हमारे यहां अक्सर नजरअंदाज या हल्के में लिया जाता है. जिससे आगे चलकर स्पांडिलाइटिस की संभावना बढ़ जाती है. आम भाषा में स्पांडिलाइटिस को हम एक प्रकार का गठिया रोग कह सकते हैं. ये रोग जल्दी पकड़ में नहीं आता लेकिन बहुत शीघ्रता से कमर दर्द से शुरू होता हुआ ये पीठ और गर्दन को अकड़न की चपेट में ले लेता है. अकड़न के अलावा ये हमारे शरीर के निचले हिस्सों जैसे- जांघ, घुटनो और टखनों को प्रभावित करता है. समय रहते ध्यान ना दिया जाये तो रीढ़ की हड्डी को भी ये अकड़न की चपेट में ले लेता है. इस रोग के दौरान जोड़ों में विशेष तौर पर इन्फ्लेमेशन यानी सूजन होती है, जिस कारण रोगी को असह्य पीड़ा का सामना करना पड़ता है.

नौजवानों को भी है सतर्क रहने की आवश्यकताः

वैसे बाकि लोगों की तरह आप भी यही सोचते हैं कि जोड़ों में दर्द की समस्या या स्पांडिलाइटिस की बीमारी बूढ़े लोगों को ही होती है तो आपकी ये धारणा गलत है. डॉक्टरों के मुताबिक नौजवानों में स्पांडिलाइटिस की शिकायत बूढ़े लोगों से अधिक पायी जाती है. 45 से कम उम्र के किसी भी इंसान को स्पांडिलाइटिस की शिकायत हो सकती है. जबकि इसी तरह की एक बीमारी 'जुवेनाइल स्पांडिलोअर्थ्राइटिस' होती है, जो 16 साल से कम उम्र के लोगों को हो सकती है.

स्पांडिलाइटिस के लक्ष्णः

इस बीमारी में रीढ़ की हड्डी प्रभावित होती है, जिससे रोगी को बेचैनी, कंधों, कुल्हों एवं पसलियों समेत एड़ियों या हाथ-पैर के जोड़ों में दर्द होता है. बच्चों में होने वाले जुवेनाइल स्पांडिलोअर्थ्राइटिस में आमतौर पर शरीर के निचले हिस्से जैसे- जांघ, कुल्हों, घुटनों एवं टखनों में असहनीय पीड़ा होती है.

जोड़ों में दर्द के कारणः

जोड़ो में दर्द कई कारणों से हो सकता है. जैसे- बहुत अधिक काम करने से, बुखार, कमज़ोरी या कुपोषण की समस्या के कारण या किसी एक मुद्रा में बहुत अधिक देरी तक रहने के कारण. इसके अलावा संक्रमण, चोट या किसी तरह की ऐलर्जी संबंधी दवाओ के दुषपरिणाम आदि भी कारण हो सकते हैं. हालांकि ऐसा ज़रूरी नहीं की जोड़ों में हो रहा हर तरह का दर्द गठिया ही हो, लेकिन फिर भी सावधानी जरूरी है.

दर्द का इलाजः

इस बीमारी का इलाज़ सिर्फ दर्द के कारणों पर निर्भर करता है. इसलिए घरेलू उपाय अपनाने की नादानी ना करें. ध्यान रहे कि उपचार से पहले जोड़ों की जांच, दर्द के प्रकार, आहार एवं शारीरिक गतिविधियों का निरक्षण करना जरूरी है, जो सिर्फ एक डॉक्टर ही कर सकता है. इसलिए पूर्व में बताएं गए लक्षणों का अगर आप अनुभव कर रहें तो सबसे पहले डॉक्टर के पास जाना सही है.

जोड़ो के दर्द से बचावः

जोड़ों के दर्द से शरीर का बचाव करना आसान है. लेकिन इसके लिए अपने दैनिक दिनचर्या में से आपको कुछ समय निकालना होगा. प्रतिदिन कम से कम 15 मिनट योगा या व्यायाम करें. सवेरे थोड़ा जल्दी उठ कर मॉर्निंग वाक के लिए जाएं. भोजन में हरी सब्जियों एवं दूध से बने पदार्थों को शामिल करें. किसी भी मुद्रा में बहुत अधिक समय तक अपने शरीर को ना रखें. शरीर के अंगों में कुछ घंटों बाद हलचल करते रहे. सोने, बैठेने एवं चलने के लिए गुड जेस्चर और पोस्चर का इस्तेमाल करें.

English Summary: joint pains cause treatment and precautions know more about Spondylitis and others joint disease
Published on: 02 November 2019, 04:10 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now