घर की खूबसूरती और ताजगी बढ़ाने के लिए लोग आजकल इनडोर प्लांट्स लगाना बेहद पसंद करते हैं. हरियाली देखकर मन खुश होता है, वातावरण में ऑक्सीजन बढ़ती है और घर का माहौल साफ-सुथरा और स्वस्थ रहता है. इन पौधों की मौजूदगी से न केवल घर का डेकोर अच्छा लगता है, बल्कि मानसिक तनाव भी कम होता है. हालांकि, क्या आप जानते हैं कि कुछ ऐसे इनडोर पौधे भी होते हैं जो आपकी सेहत के लिए नुकसानदेह हो सकते हैं? वैज्ञानिक शोध बताते हैं कि कुछ पौधे अपने आस-पास ऐसे रासायनिक यौगिक (compounds) छोड़ते हैं, जो संवेदनशील लोगों में सिरदर्द, माइग्रेन, साइनस या एलर्जी जैसी समस्याएं उत्पन्न कर सकते हैं.
इसलिए जरूरी है कि हम ऐसे पौधों की पहचान करें और उनसे सावधानी बरतें. साथ ही, सही देखभाल और उचित स्थान चुनकर इन पौधों के नकारात्मक प्रभावों को कम किया जा सकता है. आइए विस्तार से जानते हैं किन पौधों से सावधान रहना चाहिए और उनके प्रभावों से बचने के लिए क्या उपाय अपनाए जा सकते हैं.
कौन से पौधे बन सकते हैं सिरदर्द की वजह?
घर की शोभा बढ़ाने और हवा को शुद्ध करने के लिए लोग अक्सर स्नेक प्लांट, स्पाइडर प्लांट, मनी प्लांट और पाम्स जैसी इनडोर पौधों को लगाना पसंद करते हैं. यह पौधे देखने में आकर्षक होते हैं और ऑक्सीजन भी प्रदान करते हैं. हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि इन पौधों को घर के अंदर अधिक संख्या में लगाने से कभी-कभी स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है. खासकर बंद कमरे में ज्यादा पौधे रखने से कार्बन डाइऑक्साइड और नमी का स्तर बढ़ सकता है, जिससे सिरदर्द या थकान महसूस हो सकती है. इसलिए इनडोर पौधों का चयन सोच समझकर और संतुलित संख्या में करना जरूरी है.
कैसे हो सकता है पौधों से सिरदर्द?
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वाष्पशील कार्बनिक यौगिक (Volatile Organic Compounds): कुछ पौधे ऐसे कम्पाउंड छोड़ते हैं जो सिरदर्द या चक्कर आने का कारण बनते हैं.
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स्ट्रॉन्ग महक और पराग (Pollen): कुछ पौधों की खुशबू और पराग बेहद तेज़ होते हैं. ये साइनस और एलर्जी को ट्रिगर कर सकते हैं.
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गीली मिट्टी और फफूंद (Mold): बार-बार पानी देने से पौधों की मिट्टी में नमी बनी रहती है. यह नमी फफूंद और बीजाणुओं को जन्म देती है जो हवा में फैलकर हेल्थ प्रॉब्लम पैदा कर सकते हैं.
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वेंटिलेशन की कमी: अगर घर में हवा का सही प्रवाह नहीं है, तो ये यौगिक और फफूंद लंबे समय तक अंदर ही बने रहते हैं और स्वास्थ्य पर असर डालते हैं.
क्या करें की पौधों से सिरदर्द या माइग्रेन न बढ़े?
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प्रॉपर वेंटिलेशन रखें - खिड़कियां खोलें, ताकि ताजी हवा आती-जाती रहे.
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ज्यादा पानी न दें - मिट्टी सूखने पर ही पानी डालें ताकि नमी और फफूंद न बने.
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पत्तों की सफाई करें - पौधों पर जमी धूल को नियमित साफ करें.
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बेडरूम में स्ट्रॉन्ग खुशबू वाले पौधे न रखें - ताकि नींद और साइनस प्रभावित न हो.
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ह्यूमिडिटी कंट्रोल करें - अगर घर में ज्यादा नमी रहती है तो ह्यूमिडिफायर का इस्तेमाल करें.
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संवेदनशील लोग सावधान रहें - अगर फिर भी सिरदर्द या माइग्रेन बढ़े तो डॉक्टर से जरूर सलाह लें.