किसानों के लिए साकाटा सीड्स की उन्नत किस्में बनीं कमाई का नया पार्टनर, फसल हुई सुरक्षित और लाभ में भी हुआ इजाफा! Success Story: आलू की खेती में बढ़ी उपज और सुधरी मिट्टी, किसानों की पहली पसंद बना जायडेक्स का जैविक समाधान रबी सीजन में कमाना चाहते हैं मोटा मुनाफा? उगाएं मटर की ये टॉप 3 उन्नत किस्में किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 20 May, 2019 12:56 PM IST

हीमोफीलिया (Haemophilia) एक ऐसी बीमारी का नाम है जिसका नाम शायद ही कोई ऐसा व्यक्ति होगा जिसने सुना नहीं होगा. खून से जुड़ी 'हीमोफीलिया' बीमारी का टेस्ट प्राइवेट अस्पताल में काफी महंगा होता है, जो कि सामान्य तौर पर 4 से 10 हजार रुपये तक में होती है. लेकिन अब इसकी महंगी जांच से आमलोगों को राहत मिलेगा और यह जांच सिर्फ 50 रुपये या इससे भी कम रुपये में हो सकेगा. दरअसल इसकी टेस्ट के लिए इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने पहली बार रैपिड डायग्नोस्टिक किट (Rapid diagnostic kit ) तैयार किया है. इस किट से हीमोफीलिया-ए और खून से जुड़ी अन्य बीमारियों का पता आसानी से लगाया जा सकेगा. ऐसा होते ही भारत में हीमोफीलिया' बीमारी का टेस्ट दुनिया का सबसे सस्ता टेस्ट हो सकेगा. आईसीएमआर ने इस किट का पेटेंट ( विशिष्ट नाम से बनाने एवं बेचने का एकाधिकार प्राप्त हो ) भी हासिल कर लिया है.

स्पेशल पेपर से बनी है यह किट

रैपिड डायग्नोस्टिक किट को स्पेशल पेपर से बनाया गया है. इसे इस्तेमाल करने के लिए किसी भी तरह के इंफ्रास्ट्रक्चर और स्पेशलिस्ट की जरूरत नहीं होगी. पीड़ित व्यक्ति किसी भी प्राइमरी हेल्थ केयर सेंटर में जाकर आसानी से हीमोफीलिया की जांच करा सकेंगे. बता दे कि इस किट में रोगी के खून की कुछ बूंद पेपर पर डालने के कुछ देर बाद परिणाम मिल जाएगा. कुछ दिनों पहले आए एक आंकड़े के अनुसार, भारत में 'हीमोफीलिया' बीमारी से पीड़ित लोगों की संख्या 1 लाख से ऊपर है.

हीमोफीलिया के लक्षण

जिस व्यक्ति को हीमोफीलिया नामक रोग हो जाता है. उसके खून का थक्का नहीं बनता. इस वजह से रोगी के शरीर में कही चोट लगने  या कटने के बाद ब्लीडिंग तमाम कोशिश के बाद भी नहीं रुकती. तो वही स्वस्थ व्यक्ति के शरीर के किसी हिस्से में चोट लगने या कटने पर कुछ देर बाद खून का थक्का बन जाता है और ब्लीडिंग रुक जाती है.ऐसे में इस बीमारी का समय से लोगों को पता चलना जरूरी है. ताकि वो समय रहते इस बीमारी का इलाज करा सके. क्योंकि, इस बीमारी को लेकर ज्यादातर ऐसे मामले आते है जिसमें लोगों को जानकारी ही नहीं होती है वो इस खतरनाक बीमारी का शिकार हो चुके हैं.

हीमोफीलिया की पहचान कैसे करें?

- शरीर में आं​तरिक रक्तस्राव के वजह से जोड़ों में दर्द होता रहता है .

- नाक से लगातार खून बहते रहना .

- अक्सर उल्टी आना .

- मसूड़ों से खून निकलना .

- त्वचा आसानी से छिल जाती  है.

- आंख के अंदर खून का निकलना

- शरीर पर नीले निशानों का बनना

- हीमोफीलिया के रोगी को सिर के अंदर तेजी से रक्तस्राव होने के वजह से तेज सिरदर्द, गर्दन में अकड़न रहती है .

English Summary: ICMR's big success, now 10 thousand tests will be in only Rs 50
Published on: 20 May 2019, 01:03 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now