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Updated on: 16 January, 2024 10:54 AM IST
फलों में पाएं जाते हैं कई तरह के औषधीय गुण

फल न सिर्फ खाने में स्वादिष्ट होते हैं बल्कि ये हमारे स्वास्थ्य के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होते हैं. विभिन्न फलों में विभिन्न पोषक तत्व, विटामिन और खनिज की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जोकि हमारे शरीर के लिए आवश्यक होते हैं. मुनक्का, जामुन, पपीता और संतरा मानव शरीर के लिए काफी फायदेमंद है. इन फलों में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते हैं, जो कब्ज, गर्भपात और हड्डी से संबंधित बीमारियां आदि के लिए काफी लाभदायक है.

ऐसे में आइए आज हम आपको फलों से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण उपचार व उनके गुणों के बारे में जानकारी देंगे. ताकि आप फलों से सरलता से उपचार कर पाएं.

फलों से कैसे करें उपचार और उनके गुण

1- मुनक्का

कब्ज: कब्ज के उपचार के लिए एक गिलास पानी स्वच्छ पानी में कुछ मुनक्का 24 घंटे भिगोकर रखना चाहिए. इसे बीज निकाल कर सुबह-सुबह खाना चाहिए. जिस पानी में मुनक्का भिगोया गया था उस पानी को भी पीना चाहिए. कुछ दिन इस प्रकार लेने से पुराना कब दूर हो जाता है.

एनीमिया: आसानी से घुलने वाले लौह का प्रचुर स्रोत होने के कारण यह खून बढ़ता है. अतः एनीमिया में बड़ा लाभकारी है.

दुबलापन: जो व्यक्ति अपना वजन बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए मुनक्का उत्तम है. इस प्रति दो पौंड तक लिया जा सकता है.

बुखार : मुनक्का का निस्सार बुखार में या औषधि का कार्य करता है. मुनक्का पानी में भिगोकर समान मात्रा के पानी में पीसकर फिर छान लेना चाहिए. इस तरह बनाया गया मुनक्का पानी टॉनिक का कार्य करता है. इसके स्वाद और गुण को बढ़ाने के लिए इसमें थोड़ा नींबू का रस मिला लेना चाहिए.

2- जामुन

जामुन एक सामान्य फल है, जो संपूर्ण भारत में बहुत पैदा होता है. जामुन बाहर से कला और अंदर से बैंगनी रंग का होता है. इसका गूदा खट्टा मीठा और बीज हरा पीला होता है.

मधुमेह: इस रोग के उपचार में जामुन फल का बीज और रस दोनों ही उपयोगी हैं. इसे सुखाकर चूर्ण बनाकर 3 ग्राम के हिसाब से पानी के साथ दिन में तीन या चार बार लेने से पेशाब में शर्करा की मात्रा घटती है और न बुझाने वाली प्यास शांत होती है. मधुमेह के उपचार में तने की छाल को सुखाकर जलाएं जिससे सफेद रंग की राख मिलती है. इस राख को खरल में कूटकर छान कर बोतल बंद करना चाहिए. मधुमेह के रोगी को सुबह खाली पेट पानी के साथ 10 ग्राम और दोपहर व शाम को भोजन के 1 घंटा बाद प्रत्येक समय 20 ग्राम की मात्रा में इस राख को लेना चाहिए.

दस्त और पेचिश: इस रोग में यह बहुत प्रभावकारी दवा है. ऐसी अवस्था में इस पाउडर को 5 से 20 ग्राम तक छाछ के साथ लेना चाहिए. इसकी छाल का काढ़ा शहद के साथ लेना भी बहुत पुराने दस्त व पेचिश में काफी उपयोगी है.

3- पपीता

मासिक धर्म की और अनिमिताएं: कच्चा पपीता गर्भाशय की मांसपेशियों के तंतुओं के संकुचन में मदद करता है. अतः मासिक स्राव के नियमित होने में लाभकारी है. खासकर ठंडी के प्रभाव या नवयौवन, अविवाहित लड़कियों में भय के कारण होने वाले मासिक स्राव के अवसान में सहायक होता है.

आंत्र अनियमितताएं: कच्चे पपीते का पेपैन गैस्ट्रिक जूस की कमी, पेट में अस्वास्थवर्धक कफ की अधिकता, अपच, आंत में जलन इत्यादि में अत्यंत लाभकारी है.

गर्भपात: गर्भपात के लिए पपीता बहुत प्रभावकारी दवा है. कच्चा पपीता करी या चटनी के रूप में लेना गर्भपात होने में बहुत प्रभावकारी है. यहां तक की इस प्रयोजन के लिए पक्का फल भी उपयोग में लाया जाता है.

4. संतरा

कब्ज: संतरा कब्ज के उपचार में उपयोगी है. सोते समय और सुबह उठने पर एक या दो संतरा लेना अंत की क्रिया को उद्दीप्त करने का उत्कृष्ट तरीका है. संतरे के रस का सामान्य उद्दीपन  प्रभाव क्रमाकुंचन को उद्दीपित करता है और बड़ी आंत में खाद पदार्थ का संचय जिसके कारण सदन और विषाक्त होती है को रोकता है.

हड्डी और दांत की बीमारी: संतरा में कैल्शियम और विटामिन 'सी' की उत्कृष्ट स्रोत होने के कारण हड्डी और दांत की बीमारियों में उपयोगी है. दांत की संरचना में अनियमितताएं पर विटामिन  'सी' और कैल्शियम की कमी के कारण होती है. इसे प्राप्त मात्रा में संतरा लेने से इन्हें दूर किया जा सकता है.

बच्चों की बीमारियां: संतरे का रस मां का दूध न मिल पाने वाले शिशुओं के लिए उत्कृष्ट आहार है. उनकी उम्र के अनुसार आधे से  चार औंस तक संतरे का रस प्रतिदिन दिया जाना चाहिए.

रबीन्द्रनाथ चौबे ब्यूरो चीफ कृषि जागरण, बलिया, उत्तर प्रदेश.

English Summary: how to treat fruits medicinal properties nutrients raisins jamun papaya orange properties and health treatments
Published on: 16 January 2024, 10:59 AM IST

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