हम जो भी खाते हैं उससे हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है, परंतु ऊर्जा के साथ हमारे शरीर में पचे हुए भोजन का कचरा या मल भी मौजूद होता है. इस मल या अतिरिक्त भोजन की हमारे शरीर को कोई आवश्यकता नहीं होती है. इसीलिए आवश्यक है कि यह मल या कचरा नियमित रुप से हमारे शरीर से बाहर आते रहे. आजकल हमारी दिनचर्या इस प्रकार की हो गई है कि यह मल या अतिरिक्त कचरा हमारे शरीर में लगातार जमा होता गया और इससे कई प्रकार की बीमारियों ने हमें घेर लिया. बीमारियों की शुरुआत सबसे पहले बलगम या कफ के जमने से होती है और धीरे-धीरे यह हमारी श्वास नलिका, फेंफड़े और चेहरे पर जमना शुरु हो जाती है. शरीर में बलगम का अधिक मात्रा में जम जाना 'नजले' का रुप ले लेता है.
बचाव के लिए क्या करें
स्टीम या भाप
एक केतली या बरतन में पानी गरम करें और उसे उबालने के लिए छोड़ दें. फिर इसमें तुलसी की 8-10 पत्तियां डाल दें. जब पानी उबलने लगे तो केतली बंद कर दें और उस बरतन को किसी सुरक्षित जगह रख कर किसी तौलिए या गर्म कपड़े से खुद को ढक लें और गहरी सांस लें, इससे श्वास नली में जमा कफ बाहर निकलकर आने लगेगा.
एक लौंग
लौंग यूं तो अक्सर भोजन में परोसने के लिए होती है परंतु यह एक असरकारक औषधि भी है. आपको करना बस इतना है कि लौंग को तवे पर भून लें और भुनने के बाद इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें. कुछ देर के बाद इस लौंग को मूंह मे रखें. ऐसा करने से गले और फेफड़े में जमा कफ बाहर आ जाएगा और आपको राहत मिलेगी.
दूध, दही, मक्खन से परहेज
जब तक आप कफ या बलगम का इलाज कर रहे हैं तब तक आपको दूध और उससे सबंधित वस्तुओं का सेवन नहीं करना है क्योंकि यदि आप ऐसा करेंगे तो आपको आराम नहीं आएगा और आपकी हालत जस की तस बनी रहेगी.
केवल इन तरीकों और उपचारों को अपनाकर आप कफ या बलगम से निजात पा सकते हैं.