बीते काफी समय से ना केवल भारत में, बल्कि दुनियाभर में लोगों के बीच मोटे अनाजों की चर्चा काफी तेज हो गई है.. क्योंकि इस वर्ष यानी कि 2023 को भारत सरकार के आह्वान पर इंटरनेशनल ईयर ऑफ मिलेट्स के तौर पर मनाया जा रहा है. मोटे अनाजों की खेती और उपयोग को बढ़ावा देने में जुटी भारत सरकार निरंतर इस बात की कोशिश में लगी है कि मोटे अनाजों की पहुंच देश में हर घर तक बने. साथ ही मोटे अनाज का सेवन करने से होने वाले फायदों के बारे में लोगों को पता चल सके. इसी कड़ी में आज हम आपको बताएंगे मोटे अनाज जैसे कि रागी, बाजरा और ज्वार खाने से होने वाले फायदों के बारे में..
श्री अन्न यानी मोटे अनाज खाने के फायदे
ये तो साफ जाहिर है कि ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाज प्रोटीन, फाइबर, विटामिंस और आयरन जैसे मिनरल तत्वों से भरपूर होते हैं. वहीं ये अनाज ग्लूटन-फ्री सुपरफूड्स के तौर पर जाने जाते हैं जो डाइबिटीज को कंट्रोल करने में काफी मदद करते हैं. बात करें ग्लूटन की तो, ग्लूटन एक तरह का प्रोटीन होता है, जो गेहूं, जौ और राई में पाया जाता है और ग्लूटन-फ्री डाइट स्वास्थय में सुधार लाने, वजन घटाने और एनर्जी बढ़ाने में मदद करती है.
वहीं जिन लोगों को दिल से जुड़ी बीमारियां हैं उनके लिए मिलेट्स खाना लाभदायक साबित हो सकता है. क्योंकि ज्वार और बाजरा खाने से ब्लड सर्कूलेशन सही बना रहता है. ऐसे में अगर आप दिल के मरीज हैं तो ज्वार और बाजरा का सेवन करें. इसके अलावा पेट में कब्ज हो या एसिडिटी, पाचन शक्ति बढ़ाने में भी श्री अन्न बेहद लाभदायक माना जाता है. वहीं मोटे अनाजों को इम्यूनिटी बूस्टर के तौर पर भी जाना जाता है. अस्थमा, मेटाबॉलिज्म व डायबिटीज जैसी कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में मोटे अनाजों को बेहतर माना गया है..
मोटे अनाज खाने से होने वाले नुकसान
लेकिन वो कहते हैं ना कि किसी भी चीज की अति बुरी होती है. इसीलिए अगर मोटे अनाज खाने फायदे हैं तो इन्हें सही तरीके से अगर ना खाया जाए तो इसके कई नुकसान भी हो सकते हैं. इसीलिए मोटे अनाजों का सेवन करने से पहले कुछ बातों का ध्यान जरूर रखें. जैसे रागी एक गर्म मोटा अनाज है, इसलिए इसका सेवन सर्दियों के मौसम में करना बेहतर माना जाता है. गर्मियों में इसे ज्यादा ना खाएं. वहीं रागी की तरह ही बाजरा भी एक गर्म मोटा अनाज है और इसका सेवन ज्या.दातर सर्दियों में ही किया जाता है. हालांकि, गर्मियों में इसका इस्तेमाल समर ड्रिंक बनाने के लिए कूलिंग एजेंट्स के तौर पर किया जा सकता है. इसके अलावा अगर आप मोटे अनाज खाने के आदि नहीं हैं लेकिन अब इसका सेवन शुरू करने चाहते हैं, तो इसे अपनी डाइट में धीरे-धीरे शामिल करें. श्री अन्न का एकदम से अधिक सेवन करना पाचन संबंधित कई समस्याएं पैदा कर सकता है.
इन बीमारियों से जूझ रहे लोग ना करें मोटे अनाज का सेवन
हाइपोथायरायडिज्म, जिसे अंडरएक्टिव थायरॉयड ग्रंथि भी कहा जाता है. अगर कोई व्यक्ति इस बीमारी से पीड़ित हैं तो उन्हें मोटे अनाजों का सेवन करने से बचना चाहिए. क्योंकि मोटे अनाज में गोइट्रोजेन होता है जो आयोडीन के अवशोषण में बाधा उत्पन्न कर सकता है. हालांकि जब खाना पकाया जाता है तो पकने के कारण इसमें मौजूद गोइट्रोजेन की मात्रा कम हो सकती है, लेकिन इसे पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता.