Ghingaru Fruit: पहाड़ी क्षेत्रों में कई ऐसे फल पाए जाते हैं जो औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. ऐसा ही एक फल है घिंगारू, जो अपने औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है. यह फल खासकर उत्तराखंड की पहाड़ियों में पाया जाता है. कुमाऊंनी में इसे घिंगारू, गढ़वाली में घिंघरू और नेपाली में घिंगारू के नाम से जाना जाता है. घिंघरू के फल सेब की तहत छोटे-छोटे होते हैं और इन्हें हिमालयन रेड बेरी, फायर थोर्न एप्पल या व्हाइट थोर्न भी कहा जाता है. लोग अक्सर इस पर ध्यान नहीं देते, लेकिन घिंघरू पौधा चमत्कारी गुणों से भरपूर होता है.
पेनकिलर बनाने में होता है इस्तेमाल
घिंगारू पर कई वैज्ञानिक शोध भी हो चुके हैं. जिससे पता चला है की घिंगारु का पौधा दर्द निवारक दवा बनाने में मदद कर सकता है. इसके अलावा यह पौधा हमारे लिए बहुत उपयोगी है, चाहे वह जड़ हों या फल, फूल, पत्तियां या टहनियां. इस पौधे के हर हिस्से का अपना-अपना उपयोग है. जिसका इस्तेमाल किसी न किसी बीमारी के लिए किया जाता है. पहाड़ों क्षेत्रों में स्कूली बच्चे और गांव में जंगल जाने वाली महिलाएं इसे बड़े मजे के साथ खाती हैं. इसके फलों को सुखाकर चूर्ण बनाया जाता है. जिसे दही के साथ खाने से खूनी दस्त बंद हो जाते हैं.
खट्टा-मीठा होता है घिंघरू का स्वाद
इस फल में शुगर भी काफी मात्रा में पाई जाती है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करती है. इसके अलावा, इसकी टहनी को दातून के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है, जिससे दांतों का दर्द दूर होता है. घिंगारु को प्रोटीन का भी एक अच्छा सोर्स कहा जाता है. घिंगारु के छोटे-छोटे फल गुच्छों में पाए जाते हैं. यह फल अगस्त और सितंबर महीने में पकने पर नारंगी या गहरे लाल रंग के हो जाते हैं. इनका स्वाद हल्का खट्टा, कसैला और थोड़ा मीठा होता है. यह पौधा मध्यम आकार का होता है और इसकी शाखाएं कांटेदार और पत्ते गहरे रंग के होते हैं. यह पौधा 500 से 2700 मीटर की ऊंचाई वाले पर्वतीय क्षेत्रों में पाया जाता है.
कई बीमारियों के लिए है रामबाण
डायबिटीज में भी इस फल को काफी फायदेमंद माना जाता है. इलके फल और पत्तियों में इतने मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट और एंटी इन्फलेमेट्री गुण होते हैं कि इसका इस्तेमाल हृदय रोग, उच्च रक्तचाप और मधुमेह रोगों को ठीक करने में भी किया जा सकता है. इसके अलावा, यह बताया गया है कि घिंगारु खूनी दस्त को रोकने में भी अत्यंत प्रभावी है अगर आप खूनी दस्त से परेशान हैं, तो इसके फलों का सेवन आपके लिए फायदेमंद साबित हो सकता है. आप इसके फलों को सुखाकर चूर्ण बनाकर दही के साथ सेवन कर सकते हैं.इस तरीके से आप खूनी दस्त से जल्द ही निजात पा सकते हैं. घिंगारु के औषधीय गुण शरीर में हानिकारक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा को कम करने में भी मदद करते हैं. इस फल को खाने से याददाश्त भी तेज होती है.