लॉकडाउन के तीन महीने हो चुके हैं और हम नए सामान्य परिदृश्य के साथ जीना सीख रहे हैं. वहीं, वैक्सीन या घातक वायरस के संभावित इलाज के लिए कई शीर्ष दवा कंपनियां लगातार काम कर रही हैं. इस दौरान अधिकारियों से लेकर कई समाजसेवी जरूरतमंद लोगों की मदद करने के लिए आगे आए हैं. जबकि हम सभी को उम्मीद है कि जल्द से जल्द प्रभावी वैक्सीन आ जाए जो वायरस को जड़ से खत्म करने में सक्षम हो. यहां एक गलती जो वास्तव में स्थिति को बदतर बना सकती है, वह यह है कि सभी के लिए वैक्सीन टीका उपलब्ध नहीं होगा.
अरबपति बिल गेट्स, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए जाने जाते हैं, उन्होंने कोरोना वैक्सीन पर अपनी राय दी है. एक मीडिया हाउस से बात करते हुए, 64 वर्षीय बिल गेट्स ने कहा कि सभी वैक्सीन कंपनियों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि यह टीके जनता के सभी वर्गों को उपलब्ध कराए जाएं, न कि यह लेन-देन का सौदा बन कर रह जाए.
अगर हम टीका सिर्फ इसलिए बना रहे हैं कि उसकी ज्यादा से ज्यादा बोली लग सके और ऐसे में यह वहां पहुंच ही नहीं सके, जहां इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है. ऐसे में हमारे लिए यह घातक बीमारी और खतरनाक हो जाएगी. इस बात की संभावना ऐसे में और बढ़ जाती है, जब अमेरिका और यूरोप जैसे वैश्विक देश वैक्सीन बनाने की दौड़ में लाखों का निवेश कर रहे हैं और ऐसे में वैक्सीन उपलब्ध होने का दावा करते हैं तो पहले वह एक निश्चित देश के लिए उपलब्ध कराएंगे, जहां से ज्यादा फायदा हो सके. डब्ल्यूएचओ (विश्व स्वास्थ्य संगठन) और यूरोपीय आयोग पहले ही ऐसे कई देशों को आगाह कर चुके हैं कि वैक्सीन बनाने में प्रतिस्पर्धा ना करें.
एक रिपोर्ट के मुताबिक, वर्तमान में दुनिया भर में 110 से ज्यादा समूह वैक्सीन पर काम कर रहे हैं, इनमें से 7 वैक्सीन के बड़े पैमाने पर परीक्षण भी कर रहे हैं. जहां कुछ को अधिकारियों से अच्छी फंडिंग मिली है, वहीं कुछ विदेशों में वैक्सीन ट्रायल में तेजी लाने की बात कर रहे हैं. इस सब के बीच, सबसे पहले वैक्सीन बनाने के लिए कंपनियों और यहां तक कि कई देशों के शीर्ष नेताओं से चर्चा भी हुई है. भले ही जनता के लिए वैक्सीन उपलब्ध होने से पहले एक लंबा इंतजार और प्रक्रिया हो. ऐसे में यह जल्दबाजी इस महामारी को बिकराल रूप में बदल सकती है.