पचौली एक ऐसा पौध है जिसकी पत्तियों से तेल निकाला जाता है और जिसके बाद उसका प्रयोग बड़े पैमाने पर मादक और गैर मादक पदार्थों जैसे कैंडी, दूध से बनी मिठाई आदि पदार्थ बनाने में किया जाता है. साथ ही इसका उपयोग साबुन, इत्र, बॉडी लोशन, शेविंग लोशन, डिटर्जेंट, तंबाकू आदि में सुंगध के लिए भी किया जाता है.
यह मूल रूप से फिलीपिन्स का पौधा है. यह पौधा मलेशिया, इंडोनेशिया और सिंगापुर में जंगली रूप से बढ़ता है. यह प्राकृतिक रूप से पैरग्वे, पैनांग, वेस्टइंडीज में फैला हुआ है. यह पौधा भारत में 1942 में टाटा ऑयल मिल्स के द्वारा लाया गया था.
पचौली तेल के फ़ायदे
अवसाद( Stress) में है फ़ायदेमंद
पचौली तेल अवसाद से राहत के लिए जाना जाता है. यह इस बीमारी से पीड़ित लोगों के लिए बहुत अच्छा है क्योंकि यह उदासी और नुकसान की भावनाओं को दूर करने में मदद करता है. इसके अलावा, पचौली तेल तनाव, क्रोध, चिंता और अन्य नकारात्मक भावनाओं से छुटकारा पाने के लिए भी जाना जाता है. क्योंकि यह तेल सेरोटोनिन हार्मोन को उत्तेजित कर सकता है, जो आपको खुश करने के लिए जिम्मेदार हैं. यही कारण है कि यह अवसाद के खिलाफ इतना प्रभावी है.
सूजन कम करता है
पचौली तेल सूजन कम करने के लिए भी जाना जाता है. यह बुखार के कारण होने वाली सूजन में प्रभावी रूप से काम करता है.
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संकरण से भी बचाता है
पचौली तेल में एंटीसेप्टिक गुण ज़्यादा मात्रा में होते हैं. इसलिए यह आपके शरीर को संक्रमण और सेप्सिस से बचाने में मदद करता है. एक घाव, कट, या घर्षण पर थोड़ा पचौली तेल रगड़ने से क्षेत्र कीटाणुरहित हो सकता है और टेटनस जैसे संक्रमण होने से रोक सकता है.
चिकित्सा प्रक्रिया को गति देता है
जब हमारे शरीर में बीमारी का प्रवेश हो जाता है तब हमें कमजोरी महसूस होने लगती है ऐसे में पचौली तेल का प्रयोग करने से काफी फायदा मिलता है. जब इसका प्रयोग करते हैं तब ये शरीर के ठीक होने की रफ़्तार को तेज कर देता है.