कोमल चावल अपने अद्भुत स्वाद और महक के लिए जाना जाता है. इससे प्रसिध्द बिरयानी और पुलाव जैसे व्यंजन बनाए जाते हैं. यह चावल बहुत ही कमाल का है. इसे पकाने के लिए सिर्फ गर्म पानी की आवश्यकता होती है. भारत के असम और बंगाल राज्य में इसकी खेती की जाती है. कोमल धान मुख्य रुप से ब्रह्मपुत्र नदी के किनारे उपजता है. कोमल चावल भारत के असम और बंगाल राज्य में उगाई जाने वाली एक प्रसिद्ध फसल है, जिसे मुख्य रूप से जैविक विधि द्वारा उगाया जाता है.
खासियत
कोमल चावल की मुख्य विशेषता यह है कि इसे आप सिर्फ पानी में भिगो कर तैयार कर सकते हैं. इस विधि से कोमल चावल बनाने के लिए आपको बस इसे धोकर कुछ मिनट के लिए पानी में भिगो देना होता है. भिगोने के बाद आप चावल को अलग कर लें और अपने पसंद के अनुसार विभिन्न प्रकार के व्यंजनों को इसके साथ मिला सकते हैं. इस विधि से पकाने के कारण चावल का पोषक तत्व और स्वाद बना रहता है.
उत्पादन
वर्तमान समय में औद्योगिक तकनीकों का उपयोग करके उगाए जाने वाले साधारण प्रकार के चावल के विपरीत, कोमल चावल को उगाने के लिए पारंपरिक तरीकों का उपयोग किया जाता है. इसमें बिना कोई रासायनिक कीटनाशक या उर्वरक की इस्तेमाल नहीं किया जाता है, जिस कारण यह चावल बहुत ही स्वादिष्ट और पोषक तत्वों से भरपूर होता है. इसकी खेती के तरीके से पर्यावरण को भी कोई नुकसान नहीं पहुंचता है. असम और बंगाल राज्य में यह छोटे से लेकर बड़े किसानों द्वारा पारंपरिक तरीके से उगाया जाता है, जो लाखों किसानों के आय का साधन है. एक हेक्टेयर के खेत में लगभग 4 से 6 टन कोमल चावल का उत्पादन किया जा सकता है.
पोषक तत्व
कोमल चावल कार्बोहाइड्रेट का एक अच्छा स्रोत होता है. इसके सेवन से शरीर को लगातार ऊर्जा मिलती रहती है. यह हमारे शरीर में रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है. इसमे विटामिन बी 6, आयरन, नियासिन और विभिन्न प्रकार के विटामिन और खनिज तत्व पाए जाते हैं. इसकी कम वसा और कोलेस्ट्रॉल होने के कारण यह उन लोगों के लिए एक अच्छा भोजन है जिन्हें मधुमेह की बीमारी है.
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देखभाल
कोमल चावल के दाने पतले और बहुत नाजुक होते हैं, इन्हें सावधानी के साथ रख-रखाव करना होता है. अन्य प्रकार के चावलों की तुलना में इसे खराब होने और टूटने का खतरा ज्यादा रहता है. कोमल चावल अन्य प्रकार के चावलों की तुलना में अधिक महंगा होता है, जो केवल कुछ सीमित उपभोक्ता ही इसको खरीद और खा पाते हैं.
कृषि में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए कृषि विभाग, असम 3 से 5 फरवरी, 2023 तक पहला ऑर्गेनिक नॉर्थ ईस्ट एक्सपो आयोजित कर रहा है. एक्सपो का आयोजन सिक्किम स्टेट कोऑपरेटिव सप्लाई एंड मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (SIMFED) द्वारा किया जाएगा.