हल्दी एक ऐसा आयुर्वेदिक औषधि मसाला जिसका इस्तेमाल खाने में कलर और टेस्ट लाने के साथ-साथ कई रोगों में भी इस मसाले का उपयोग होता है जैसे कि स्किन की समस्या हो या पुराने दर्द की समस्या हर समस्या में हल्दी सेहत के लिए काफी लाभदायक है. साथ ही इस मसाले की रसोई में अपनी अलग ही जगह है. हाल ही में सुनने में आ रहा है कि हल्दी में लेड क्रोमेट जहरीला रसायन की मिलावट की जा रही है, जिससे सेहत पर भी बुरा असर पड़ रहा है. साथ ही इस रसायन को हल्दी में चमक लाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है. चलिए जानते हैं असली और नकली हल्दी की पहचान कैसे करें.
लेड क्रोमेट रसायन क्या है?
हल्दी में जिन रसायन की मिलावट की जा रही है लेड क्रोमेट और क्रोमियम‑6 बहुत ही जहरीला रासायनिक यौगिक है. इतना ही नहीं, यह रसायन लिवर और किडनी को भी गंभीर नुकसान पहुंचाता है. लंबे समय तक इसके संपर्क में रहने से पेट और फेफड़ों के कैंसर का खतरा बढ़ जाता है.
क्यों की जाती है मिलावट
हल्दी में लेड क्रोमेट मिलाने का मुख्य कारण मुनाफा है. प्राकृतिक रूप से उगाई गई और सही तरीके से प्रोसेस की गई हल्दी का रंग हल्का पीला या नारंगी होता है. लेकिन बाजार में प्रतिस्पर्धा के चलते कुछ विक्रेता इसे ज्यादा चमकीला दिखाने के लिए सस्ते रसायनों का इस्तेमाल करते हैं, जिसके बाद जो लोग इस रसायन युक्त हल्दी का उपयोग करते हैं उनको गंभीर परिणामों का भी सामना करना पड़ जाता है.
कैसे करें असली और मिलावटी हल्दी की पहचान?
आप सभी जब बाजार से हल्दी खरीद कर लाते हैं, तो घरेलू तरीकों से भी आसानी से हल्दी की पहचान कर सकते हैं इस प्रकार-
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एक गिलास लें और उसमें पानी भरे उसके बाद उसमें हल्दी डालें. अगर हल्दी पानी में धीरे-धीरे रंग छोड़ती है और पानी का रंग हल्का पीला नजर आता है, तो मतलब हल्दी असली है.
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वहीं अगर पानी में ज्यादा पीला रंग और गाढ़ा होता हुआ नजर आए और गिलास की तली में चमकदार कण दिखाई दें तो समझ जाए की हल्दी में लेड क्रोमेट की मिलावट की गई है.