आधुनिक खेती का स्मार्ट विकल्प है Yodha Plus Hybrid Bajra: कम समय और लागत में मिलता है ज्यादा मुनाफा! PM-Kisan 20वीं किस्त कब आएगी? ऐसे चेक करें स्टेटस, जानें आपको मिलेगा लाभ या नहीं ICAR-CIAE ने विकसित की नई ट्रैक्टर चालित प्लास्टिक मल्च लेयर-कम-प्लांटर, जानें खासियत और कीमत किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 23 June, 2025 2:35 PM IST
योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा विकसित उच्च उपज देने वाला किस्म है. इसकी खेती से किसान शानदार मुनाफा कमा रहे हैं.

भारत एक कृषि प्रधान देश है और यहां की जलवायु बाजरे की खेती के लिए बेहद अनुकूल मानी जाती है. राजस्थान, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और गुजरात जैसे राज्य बाजरे के प्रमुख उत्पादक हैं. हालांकि, पहले की पारंपरिक किस्मों में कई चुनौतियां थीं - जैसे कम उपज, रोगों की अधिकता, और फसल को पकने में अधिक समय लगना. किसानों की इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए अग्रणी बीज निर्माता कंपनी शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स ने बाजरे की एक उन्नत किस्म Yodha Plus Hybrid Bajra लॉन्च की है.

यह किस्म न केवल 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाती है, बल्कि इसकी उपज क्षमता भी अधिक है. इसके पौधे मजबूत होते हैं, जो रोगों का सामना बेहतर ढंग से कर सकते हैं. साथ ही इसका चारा बेहद नरम होता है, जिसे पशु बड़े चाव से खाते हैं. यही वजह है कि यह किस्म आज कई राज्यों में किसानों के बीच तेजी से लोकप्रिय होती जा रही है.

तो आइए, जानते हैं योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा को लेकर कुछ प्रगतिशील किसानों के अनुभव-

किसानों के अनुभव: योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा बनी भरोसे की फसल

राजस्थान के धौलपुर जिले के प्रगतिशील किसान ताराचंद शर्मा ने बताया, “मैं पिछले 14 वर्षों से Yodha Plus Hybrid Bajra की खेती कर रहा हूं. यह किस्म वास्तव में मेरे खेतों के लिए एक वरदान साबित हुई है. इसकी सबसे बड़ी विशेषता यह है कि यह फसल 75 से 90 दिनों के भीतर पूरी तरह तैयार हो जाती है, जिससे समय की बचत होती है और दूसरी फसल की योजना भी आसानी से बन जाती है. लगभग 55 से 60 दिनों के भीतर इस किस्म में पुष्पावस्था आ जाती है.

इस किस्म के पौधों में किसी प्रकार का रोग नहीं लगता, विशेषकर डाउनी मिल्ड्यू जैसी आम बीमारी का कोई असर नहीं होता, जिससे दवाओं पर खर्च भी कम आता है. इसके अलावा, इसकी बालियां एक समान, ठोस और बेलनाकार बनती हैं, जिससे दानों की गुणवत्ता और मात्रा-दोनों में सुधार होता है. उत्पादन की बात करें तो मुझे प्रति बीघा लगभग 12 से 15 मन उपज प्राप्त होती है, जो कि लगभग 4 से 5 क्विंटल प्रति बीघा के बराबर है. इसका चारा भी मीठा और नरम होता है जिस वजह से पशु  भी इस चारे को बहुत पसंद करते हैं.”

योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा

धौलपुर जिले के खानपुर मीणा गांव के प्रगतिशील और अनुभवी किसान मनोज कुमार मीणा ने बताया, “मैं कई वर्षों से शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स के बीज का उपयोग कर रहा हूं. पहले मैं पुरानी योद्धा बाजरा सीरीज़ से खेती करता था, लेकिन जब से योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा लॉन्च हुआ है, तभी से मैं इसका ही उपयोग करता हूं. अपने 40 बीघा खेत में मैं 1 कट्टा योद्धा प्लस की बुवाई करता हूं और प्रति बीघा औसतन 15 से 16 मन उपज (1 मन = 40 किलो) प्राप्त करता हूं, जिसे मैं मंडी में ₹2200 से ₹2700 प्रति क्विंटल के भाव पर बेचता हूं.

इस बीज के प्रदर्शन से मैं बहुत संतुष्ट हूं. इस किस्म के पौधे की ऊंचाई मध्यम होती है और बालियां मजबूत व घनी होती हैं. चारे की गुणवत्ता भी अत्यंत नरम होती है, जिससे पशु इसे बहुत चाव से खाते हैं. मैं बाजरे के अलावा शक्ति वर्धक के गेहूं के बीज और सब्जियों के बीज भी उपयोग करता हूं. यह एक भरोसेमंद ब्रांड है और मुझे इससे हमेशा अच्छी उपज मिलती है.”

धौलपुर जिले के बरोना गांव के एक और समर्पित और मेहनती किसान राम कुमार गुर्जर ने इस सीजन में अपनी 30 बीघा ज़मीन पर शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स के योद्धा प्लस  हाइब्रिड बाजरा की खेती की है. राम कुमार ने बताया, “इस किस्म के पौधों की डंठलें बहुत मजबूत होती हैं और पूरी फसल की संरचना देखने लायक होती है. बाजरे का स्वाद मीठा होता है और इसका चारा भी बेहद नरम होता है, जिससे यह अनाज और पशु चारे-दोनों के लिहाज़ से फायदेमंद साबित होता है. मैं प्रति बीघा लगभग 20 से 22 मन तक की उपज प्राप्त कर लेता हूं. मेरी उपज स्थानीय मंडी में ₹2000 प्रति क्विंटल के भाव में आसानी से बिक जाती है.”

हरियाणा के हिसार जिले के लितानी गांव के प्रगतिशील किसान सोनू पिछले तीन वर्षों से शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स कंपनी की योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा किस्म की खेती कर रहे हैं. वे अपनी दो एकड़ जमीन पर इस उन्नत किस्म की बुवाई करते हैं और हर साल उन्हें शानदार परिणाम मिलते हैं. सोनू ने बताया, “योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा की सबसे खास बात यह है कि यह फसल 80 से 90 दिनों में पूरी तरह तैयार हो जाती है, और 50 से 55 दिनों में फूल आ जाते हैं, जिससे समय की बचत होती है. इसकी पौध की ऊंचाई मध्यम होती है, जिससे फसल संभालना आसान होता है. इस किस्म का सिट्टा (बालियां) बहुत अच्छा होता है, दाने भरपूर और मजबूत होते हैं. सिंचाई की जरूरत भी कम पड़ती है, जिससे लागत घटती है और मुनाफा बढ़ता है. इससे प्रति एकड़ लगभग 33 से 35 मन (यानी लगभग 1320 से 1400 किलोग्राम) तक उत्पादन मिलता है. कुल मिलाकर योद्धा प्लस बाजरा मेरे लिए लाभकारी किस्म  साबित हुई है."

हरियाणा के हिसार जिले के कानौजी गांव के प्रगतिशील किसान महावीर पिछले 12 वर्षों से शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स कंपनी से जुड़े हुए हैं. उनकी कुल जमीन 4.15 एकड़ है, और वे नरमा, गेहूं, बाजरा व सब्जियों की खेती के लिए इसी कंपनी के बीजों का उपयोग करते हैं. महावीर ने बताया, “मैं पिछले 5 साल से योद्धा प्लस हाइब्रिड बाजरा की खेती कर रहा हूं और यह निर्णय मेरे लिए बेहतर रहा है. यह किस्म वर्षा आधारित खेती के लिए उपयुक्त है. इस फसल में ना तो मैं कोई स्प्रे करता हूं और  ना ही खाद डालता हूं, फिर भी पैदावार बहुत अच्छी होती है. इस किस्म का पौधा भी 7 से 8 फीट तक ऊंचा होता है, जो दिखने में भी शानदार होता है और फसल को मजबूती देता है. इसके अलावा, यह किस्म 80 से 90 दिनों में तैयार हो जाता है, इसका चारा मीठा और नरम होता है, जिसे पशु बहुत पसंद करते हैं. साथ ही इसका सिट्टा (बालियां) मजबूत और भरपूर होती हैं.“

English Summary: yodha plus hybrid bajra high yield early maturity profit modern farming
Published on: 23 June 2025, 02:47 PM IST

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