Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 26 August, 2023 2:23 PM IST
Groundnut Crop

सफेद लट मिट्टी में रहने वाले बहुभक्षी कीट हैं और इन्हें जड़ लट के रूप में भी जाना जाता है। सफ़ेद लट अपना भोजन मिट्टी में उपलब्ध आर्गेनिक पदार्थ और पौधों की जड़ों से प्राप्त करते है। मूंगफली के अलावा सफेद लट अखरोट, तम्बाकू, आलू और कई अन्य तिलहन, दालें और सब्जी की फसलें (Vegetable Crops) अमरूद, गन्ना, नारियल, सुपारी की जड़ों पर हमला कर अपना भोजन प्राप्त करते है। सफेद लट मूंगफली की फसल को 20-80 प्रतिशत तक नुकसान कर सकती है।

वैसे तो सफेद लट पूरे वर्ष मौजूद रहते हैं, लेकिन इनकी सक्रियता बरसात के मौसम के दौरान ज्यादा दिखाई देती है। मानसून की पहली बारिश मई के मध्य या जून महीने में वयस्क लट संभोग के लिए बड़ी संख्या में बाहर आते हैं और खेत में व उसके आसपास सहवास करने वाली मादाएं सुबह जल्दी मिट्टी में लौट आती हैं और अंडे देना शुरू कर देती हैं। फिर से अपने शेष जीवन चक्र के लिए मिट्टी में लौट जाते है तथा अगली मानसूनी बारिश तक लगभग एक मीटर की गहराई पर मिट्टी निष्क्रिय अवस्था में रहती है।

लक्षण

यह कीट भूमिगत है, इसलिए इस किट से होने वाले नुक्सान को मुख्यतः नज़रअंदाज़ कर दिया जाता है।  संक्रमित पौधा पीला पड़ जाता है और मुरझाया हुआ दिखने लगता है। अंत में पौधा सूख जाता है जिसे आसानी से जमीन से निकाला जा सकता है। भारी संक्रमण में, पौधे मर जाते है और मरे हुए पौधे खेतों के अंदर पेचो में दिखाई देते है। सफ़ेद लट पौधों की जड़ों को भी खा जाते हैं। लटों के कारण मूंगफली के उत्पादन में भारी क्षति होती है। वयस्क लट रात में सबसे पहले पत्तियों में छेद करते हैं और बाद में केवल मध्य पत्ती की मध्य शिरा को छोड़कर पूरी पत्ती को खा जाते हैं।

प्रबंधन:

किसी क्षेत्र में यदि सफेद लटों का प्रकोप है तो वहां इसका प्रबंधन एक अकेले किसान के प्रयसों से संभव नहीं है इसके लिए समुदायिक तौर पर सभी किसान को रोकथाम के उपाय करने पड़ेंगे। सफेद लट का प्रबंधन सामुदायिक दृष्टिकोण के माध्यम से करना ही संभव होता है।

वयस्क प्रबंधन:

  • पहली बारिश होने के बाद एक लाइट ट्रैप/हेक्टेयर की दर से लगाएं।

  • लट संभावित क्षेत्रों में खेतों के आस-पास के पेड़ों की कटाई कर दें और जो झाड़ियां खेत के पास है उन्हें काट के नष्ट कर दें।

  • सूर्यास्त के समयपेड़ों और झाड़ियों पर, कीटनाशकों जैसे इमिडाक्लोप्रिड 17.8 एसएल @ 1.5 मिली/लीटर या मोनोक्रोटोफॉस 36 एसएल @ 1.6 मिली/लीटर का छिड़काव करें।

  • पेड़ों के पास गिरे हुए लटों को इकट्ठा करें और नष्ट कर दें।

लट प्रबंधन:

  • प्यूपा को चिलचिलाती तेज धूप के संपर्क में लाने के लिए गर्मियों में गहरी जुताई करें।

  • छोटे पक्षियों को संरक्षित करें क्योंकि ये इन सफेद लट का शिकार करते है।

  • अच्छी तरह विघटित जैविक खाद का प्रयोग करें।

  • बुआई से पहले मिट्टी में कार्बोफ्यूरान3 सीजी @ 33.0 किग्रा/हेक्टेयर या फोरेट 10 सीजी @ 25.0 किग्रा/हेक्टेयर मिलाएं।

  • लट संभावित खेतों में बिजाई वाली रेखाओं में कीटनाशकों जैसे थियामेथोक्सम 25 डब्ल्यूएस @ 1.9 लीटर/हेक्टेयर या फिप्रोनिल 5 एफएस का प्रयोग @ 2.0 लीटर/हे. का प्रयोग करें।

  • संभावित क्षेत्रों में बीज उपचार के लिए बिजाई से पहलेक्लोरपायरीफॉस 20EC @ 6.5-12.0 मिली/किग्रा या इमिडाक्लोप्रिड 17.8 SL @ 2.0 मिली/किग्रा से बीज का उपचार करें।

  • यदि पानी की उपलब्धता है तो अगेती बिजाई करें।

  • खेतों में वयस्क सफेद लट दिखाई देने पर फसलों की जड़ों में क्लोरपायरीफॉस 20 ईसी@ 4.0 लीटर/हेक्टेयर या क्विनालफॉस 25 ईसी @ 3.2 से लीटर/हेक्टेयर सराबोर करें।

सतीश कुमार, नरेंद्र कुमार और मदन लाल

कृषि विज्ञान केंद्र, सिरसा

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय

English Summary: White panicles and their management in groundnut
Published on: 26 August 2023, 02:31 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now