Wheat Variety: देश में बड़े स्तर पर गेहूं की खेती की जाती है. वैसे तो देश में गेहूं का बंपर उत्पादन होता है. लेकिन, कई बार किसानों की ये शिकायत रहती है की उन्हें अच्छा उत्पादन नहीं मिला. जिसकी कई वजहें हो सकती हैं. ऐसी ही एक वजह है अच्छी क्वालिटी का बीज. अगर बीज अच्छी क्वलिटी का हो, तो उत्पादन भी बंपर होता है और मुनाफा भी. इस खबर में हम आपको गेहूं की ऐसी बेहतरीन किस्म के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में शायद ही आपने सुना होगा. दरअसल, राजस्थान के एक किसान ने गेहूं की इस किस्म को अपने खेत में बोया और पैदावार देख किसान भी हैरान रह गया.
हम बात कर रहे हैं राजस्थान के भरतपुर जिले के रहने वाले किसान दिनेशचंद तेनगुरिया की. जिन्होंने, पहली बार इजराइली गेहूं की बुवाई की और इसके परिणाम चौंकाने वाले थे. किसान दिनेश चंद ने बताया कि इजराइली गेहूं की खेती के लिए एक एकड़ में 5 किलो बीज की आवश्यकता होती है. जबकि, प्रति एकड़ इसकी पैदावार 40 क्विंटल तक होती है. इसका दाना अन्य गेहूं की किस्मों के मुकाबले, बहुत मोटा और भारी होता है.
कम लागत में बंपर कमाई
किसान दिनेशचंद अपने गांव पिपला में इजराइली गेहूं की खेती कर रहे हैं. जिससे उन्हें कम लागत में बंपर कमाई हो रही है. हालांकि, पहले वह अन्य किसानों की तरह गांव में पारंपरिक विधि से सरसों और अन्य फसलों की खेती करते थे. इससे उन्हें उतना लाभ नहीं मिल पाता था. कई बार तो लागत निकालना भी मुश्किल हो जाती थी. लेकिन, इजरायली गेहूं की खेती से उनकी किस्मत बदल गई.
इजराइल से मंगाए गेहूं के बीज
उन्होंने बताया कि उनके एक रिश्तेदार इजराइल में रहते हैं. जब वे राजस्थान आते थे, तो इजराइली कृषि पद्धति की खूब प्रशंसा करते थे. वह विशेष रूप से इजराइल के गेहूं की गुणवत्ता और उपज की सराहना करते थे. उसी दौरान उनके मन में इजरायली गेहूं की खेती करने का विचार आया. तेनगुरिया ने बताया कि उन्होंने अपने रिश्तेदार से इजराइल से गेहूं के बीज मंगवाए और खेती शुरू की.
तीन गुना तक अधिक उत्पादन
किसान दिनेश को इजराइली गेहूं की खेती से पहले साल में ही बंपर पैदावार मिली. उन्होंने कहा कि इजराइली गेहूं की बाली भारतीय गेहूं की किस्म से तीन गुना बड़ी होती हैं. इससे गेहूं का उत्पादन भी लगभग तीन गुना बढ़ जाता है. अब पूरे जिले में दिनेश चंद तेंगुरिया की चर्चा हो रही है. कृषि विभाग के अधिकारी भी उनकी खेती देखने गांव आ रहे हैं. तेनगुरिया ने बताया कि उन्होंने इजराइल से 700 रुपये प्रति किलो की दर से 10 किलो गेहूं का बीज ऑर्डर किया था.
दिनेश चंद ने बताया कि इजराइली गेहूं की बुआई के 20 दिन बाद पहली सिंचाई की जाती है. इसकी खेती के लिए एक एकड़ में 5 किलो बीज की आवश्यकता होती है. जबकि, प्रति एकड़ इसकी पैदावार 40 क्विंटल होती है. इसका दाना बहुत मोटा और भारी होता है. अगर स्वाद की बात करें तो ये इसमें भी बढ़िया है. खास बात यह है कि दिनेश चंद ने केवल जैविक खाद का ही उपयोग किया है.