Titar Farming: किसानों के लिए है बेहद फायदेमंद तीतर पालन, कम लागत में होगी मोटी कमाई ग्रीष्मकालीन फसलों का रकबा बढ़ा, 7.5% अधिक हुई बुवाई, बंपर उत्पादन होने का अनुमान Rural Business Idea: गांव में रहकर शुरू करें कम बजट के व्यवसाय, होगी हर महीने लाखों की कमाई आम को लग गई है लू, तो अपनाएं ये उपाय, मिलेंगे बढ़िया ताजा आम एक घंटे में 5 एकड़ खेत की सिंचाई करेगी यह मशीन, समय और लागत दोनों की होगी बचत Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Guar Varieties: किसानों की पहली पसंद बनीं ग्वार की ये 3 किस्में, उपज जानकर आप हो जाएंगे हैरान!
Updated on: 7 December, 2021 12:07 AM IST
गेहूं की किस्में

भारत में गेहूं की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. इसके चलते किसानों के लिए एक अच्छी खबर यह है कि जबलपुर स्थित जवाहर लाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय (Jawaharlal Nehru Agricultural University) ने मध्य प्रदेश के किसानों के लिए गेहूं की 18 किस्मों (18 varieties) को अलग-अलग भौगोलिक क्षेत्रों की जरूरत के अनुसार तैयार किया है.

यह खेती के लिए बहुत कारगर साबित होंगी. विश्वविद्यालय ने जानकारी दी है कि दिसंबर में गेहूं की बुवाई करने के लिए किसानों को कौन सा बीज, खाद और कितनी बार सिंचाई करना चाहिए?  जिससे की गेहूं की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त हो.

वैज्ञानिकों का कहना है कि गेहूं की विकसित की गई किस्मों में देर और शीघ्र पकने वाली किस्में शामिल हैं. इसमें जवाहर गेहूं 3336, HD 2932, HD 2864, MP 4010 और इंदौर ARCI द्वारा विकसित 1634, महाकौशल के लिए 2004 में जवाहर 3020 किस्मों को शामिल किया गया है. ये सभी किस्में गुणवत्ता युक्त हैं और भरपूर उत्पादन देने की क्षमता रखती हैं. इन किस्मों की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह 100 दिन में पककर तैयार हो जाती हैं.

अगर गेहूं की अच्छी उपज चाहिए, तो खाद (Fertilizer) का सावधानी से उपयोग करें और सिंचाई (Irrigation) पर खास ध्यान दें. इसके साथ ही मृदा की जाँच कराएं, ताकि मिट्टी में मौजूद पोषक तत्वों की सही जानकारी मिलती रहे.

इस खबर को पढ़ें - इस साल गेहूं की इन 3 तीन किस्मों की जबरदस्त मांग, 82 क्विंटल प्रति हेक्टेयर की देती हैं उपज

एनपीके खाद का उपयोग करें (Use NPK Compost)

अगर खाद की बात करें, तो किसानों को गेहूं की अच्छी उपज के लिए डीएपी की बजाए एनपीके (नाइट्रोजन, फास्फोरस व पोटाश) का उपयोग करना चाहिए.

गेहूं की सिंचाई प्रक्रिया (Wheat Irrigation Process)

अब सिंचाई की बात करें, तो जब फसल 20 से 25 दिन की हो जाए, तो खेत में पहली सिंचाई की जाती है. यदि पानी दो सिंचाइयों के लिए उपलब्ध है, तो पहली सिंचाई मुख्य जड़ के विकास के समय तथा दूसरी फूल आते समय करनी चाहिए. अगर पानी तीन सिंचाइयों के लिए उपलब्ध है, तो पहली सिंचाई मुख्य जड़ के विकास के समय, दूसरी सिंचाई तने में गांठ बनते समय और तीसरी दाने में दूध बनते समय करनी चाहिए.

English Summary: Wheat varieties to sow in December
Published on: 07 December 2021, 01:41 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now