Wheat Crop Management: देश में इस वक्त रबी फसलों का सीजन चल रहा है. जिनमें से एक गेहूं भी है, जो इस सीजन की प्रमुख फसल है. देश के लगभग सभी राज्यों में इसकी खेती की जाती है. पिछले कुछ दिनों में देशभर में किसानों पर मौसम की खासी मार पड़ी है. बेमौसम बारिश से किसान भाईयों को काफी नुकसान हुआ है. कई क्षेत्रों में तो बारिश और तेज हवाओं के कारण गेहूं की खड़ी फसल ही बैठ गई है. जिसका सीधा असर गेहूं की क्वालिटी पर पड़ेगा. इतना ही नहीं, इसे समेटने और इसकी कटाई के लिए किसानों को अधिक पैसे खर्च करने पड़ेंगे.
इस गेहूं को समेटने और इसकी कटाई के लिए अधिक लागत खर्च करनी पड़ेगी. कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, किसानों को गेहूं की कटाई समय पर पूरी करनी होगी, क्योंकि लगातार बन रही बारिश की स्थिति को देखते हुए इस पर जमने का खतरा बना हुआ है. इससे किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है. हालांकि, कुछ बातों को ध्यान में रखकर किसान बड़े नुकसान से बच सकते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं.
किन कारणों से बैठ जाती है फसल?
देश के ज्यादातर क्षेत्रों में गेहूं की कटाई मार्च महीने के अंत और अप्रैल के पहले सप्ताह में शुरू हो जाती है. हालांकि, कई बार वेस्टर्न डिस्टरबेंस के चलते बारिश और तेज हवाओं के कारण गेहूं की फसल खेतों में ही बैठ जाती है. इससे फसल और उपज के सड़ने का डर होता है, जिससे किसानों और पशुपालकों को भूसे के लिए गेहूं का पौधा उपयुक्त तौर पर नहीं मिल पाता है. वहीं भारी बारिश हो जाने की वजह से पूरे पौधे में सीलन आ जाती है और पौधा सड़ने और गलने लगता है.
पानी घुसने से दाना खराब होने का डर
गेहूं की फसलें जब तैयार हो जाती है और बारिश हो जाती है तो कई बार देखा जाता है कि पानी घुसने से दाना खराब होने का डर बढ़ जाता है. वहीं पानी के असर से गेहूं के दाने की क्वालिटी भी खराब हो जाती है, इससे किसानों को फसलों का उचित दाम नहीं मिलता है.
नुकसान को ऐसे कम करें किसान
जब गेहूं की फसल बारिश और तेज हवा के कारण गिर जाती है, तो उसे कंबाइन हार्वेस्टर से काटना काफी मुश्किल हो जाता है. इतना ही नहीं, उन्हें फसल की कटाई में अधिक मेहनत करनी पड़ती है. ऐसे में किसानों को सलाह दी जाती है की ऐसी स्थिति में वे हाथों से फसल की कटाई करें. जिससे वे नुकसान को कम सकते हैं. इसके अलावा, ऐसी स्थिति में किसानों को भूंसा भी नहीं मिल पाता. क्योंकि, किसान सिर्फ बालियों को ही काट पाते हैं. वहीं, किसानों को ये भी सलाह दी जाती है उनकी गेहूं की पैदावार तैयार होने के करीब थी, तो बिना देरी किए और नमी के सूखते ही किसान तुरंत फसल की कटाई कर लें. ऐसा करने से किसान बड़े नुकसान से बच सकते हैं.