Integrated Farming: ये बात तो आपने अक्सर सुनी होगी की जब एक किसान उगाता है तभी देश खाता है. लेकिन, दूसरों का पेट भरने वाला यही किसान फसल बर्बाद होने के चलते कई बार खुद भूखा रह जाता है. फसल बर्बाद होने के कई कारण हो सकते हैं. लेकिन, अगर किसान खेती की अपनी तकनीक में थोड़ा बदलाव करें तो वो इस नुक्सान से बच सकता है. इतना ही नहीं खेती की तकनीक में बदलाव करके अच्छा मुनाफा भी कमाया जा सकता है. इस खबर में हम आपको खेती की एक ऐसी तकनीक के बारे में बताएंगे जिसमें रिस्क कम है और मुनाफ कई ज्यादा. हम बात कर रहे हैं इंटीग्रेटेड फार्मिंग की, जिसके जरिए आप कम रिस्क के साथ अच्छा पैसा कमा सकते हैं. अब आप सोच रहे होंगे की. इंटीग्रेटेड फार्मिंग क्या होती है, तो आइए आपको इसके बारे में विस्तार से बताते हैं.
क्या है इंटीग्रेटेड फार्मिंग? (What is Integrated Farming System)
इंटीग्रेटेड फार्मिंग एक कृषि मॉडल है, जहां एक ही स्थान पर विभिन्न प्रकार की फार्मिंग संबंधित गतिविधियां की जाती हैं. एक ही स्थान पर कई प्रकार की फसलें उगाना, पोल्ट्री करना और मछ्ली पालन करना इसका हिस्सा है. कम लागत वाली खेती की इस आधुनिक तकनीक का सबसे बड़ा फायदा यही है कि छोटी सी जमीन पर खेती के अलावा अन्य कामों से किसान अच्छा मुनाफा कमा लेते हैं. इसके लिए उन्हें कोई नया खर्चा नहीं करना पड़ेगा और उन्हों नुक्सान भी नहीं होगा. इंटीग्रेटेड फार्मिंग को आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत प्रोत्साहन भी दिया जा रहा है.
इंटीग्रेटेड फार्मिंग के हैं कई फायदे
कम जमीन वाले किसान इस नई तकनीक के माध्यम से अपनी कमाई को दोगुना कर सकते हैं. किसान एक ही स्थान पर कम खर्च में कई फसले उगा सकते हैं. इसके साथ ही, नुकसान की आशंका भी कम हो जाती है. खेती के कचरे का उपयोग पशुओं के लिए हो सकता है. आपको अलग-अलग कार्यों के लिए कई जगहों पर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आप एक ही खेत में अलग-अलग फसलें, मछलीपालन और पॉल्ट्री कर सकते हैं. इस प्रकार से उत्पन्न हुआ कचरा खाद बनाने के काम में भी आ सकता है. इसके अलावा, फसल उगाने और पशुओं के लिए चराने के साथ ही मछली और मुर्गी पालन करने से किसानों को दाना और पानी की व्यवस्था मिलती है. इसके द्वारा खेतों की उपजाऊ क्षमता भी बढ़ती है और ऐसे में सब्जियों की फसल भी अच्छी होती है. यह तरीका किसानों को अपने निजी उपयोग के लिए अनाज और सब्जियां उगाने का भी अवसर देता है. इसके अलावा, कम जगह, कम खर्च और कम संसाधन में फसल उगाकर किसानों को बेचने से अच्छी आय प्राप्त होती है.
आसान है इंटीग्रेटेड फार्मिंग शुरू करना
एकीकृत खेती को शुरू करना बहुत आसान है, यह एक टाइम इन्वेस्टमेंट का फॉर्मूला है, जिसमें फसल की प्रकृति, पशुओं की जाति, पोल्ट्री का स्थान, मछली की प्रकार के साथ-साथ तालाबों और तटबंधों के निर्माण और बाजार की मांग का भी ध्यान रखना होता है. इससे किसानों के लिए एकीकृत फार्मिंग से उगाई जाने वाली पैदावार की बिक्री करना आसान हो जाता है, लेकिन एकीकृत फार्मिंग शुरू करने के लिए कृषि विशेषज्ञों से सलाह लेना फायदेमंद साबित होता है. कृषि विशेषज्ञ किसान के बजट और जमीन के हिसाब से फार्मिंग में सही चीजें जोड़ने की सलाह देते हैं, जिससे किसानों को काफी मदद मिलती है.