अच्छी फसल के लिए खाद सबसे उपयोगी होती है. आज के समय में देश के ज्यादातर किसान खेत में डीएपी खाद का इस्तेमाल करने लगे हैं, तो आइए आज हम इस लेख के माध्यम से डीएपी खाद से संबंधित सभी जानकारियों को विस्तार से जानते हैं.
आपको बता दें कि डीएपी का पूरा नाम डाई अमोनियम फास्फेट (Di Ammonium Phosphate) है, जो कि क्षारीय प्रकृति का रासायनिक उर्वरक (chemical fertilizers) है. इसकी शुरुआत साल 1960 में की गई थी.
देखा जाए, तो यह रासायनिक उर्वरकों में सबसे अलग महत्व वाले खादों की श्रेणी में आता है. भारतीय बाजार में भी किसानों के बीच यह खाद बेहद लोकप्रिय है.
क्या है डीएपी (What is DAP?)
DAP खेत में उपयोग होने वाली फोस्फोरिक खाद में से एक मानी जाती है. किसान इसका इस्तेमाल सबसे अधिक हरित क्रांति के बाद से करने लगे हैं. बता दें कि इस खाद में 18 प्रतिशत नाइट्रोजन व 46 प्रतिशत फास्फोरस पाया जाता है. ये ही नहीं इसमें पोषक तत्वों के साथ 39.5 प्रतिशत घुलनशील फास्फोरस, 15.5 प्रतिशत अमोनियम नाइट्रेट भी उपलब्ध है. यह खाद भारतीय बाजार में 50kg के पैक के साथ उपलब्ध है.
डीएपी खाद की खासियत (Features of DAP compost)
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इसके इस्तेमाल से फसलों को पोषक तत्वों की पूर्ति मिलती है.
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इससे पौधा अच्छे से ग्रोथ व विकास कर पातेहैं.
बाजार में डीएपी की नई कीमत ? (New price of DAP in the market?)
भारतीय बाजार में किसानों की सुविधा के अनुसार सब्सिडी व बिना सब्सिडी के भी खाद दी जाती है. बाजार में बिना सब्सिडी वाले 50 किलोग्राम की बोरी DAP खाद की कीमत लगभग 4073 रुपए तक है. वहीं सब्सिडी वाले 50 किलोग्राम के बोरी की कीमत 1350 रुपए तक है.
सरकारी नियम के मुताबिक खाद (Fertilizer as per government rule)
देश में खाद की कालाबाजारी को देखते हुए सरकार समय-समय पर किसानों के लिए खाद की नई लिस्ट भी जारी करती है, जिसमें यह सब जानकारी मौजूद होती है कि एक किसान को उसके खेत के लिए कितनी खाद प्राप्त होनी चाहिए.
जैसे कि- इस साल कृषि विभाग ने आलू के लिए किसानों को 307 किलो यूरिया, 326 किलो डीएपी, 25 किलो सल्फर, 30 किलो जिंक और 12 किलो बोरोन उपलब्ध करवाया जाएगा. इसके अलावा गेहूं के लिए 275 किलो यूरिया, 130 किलो डीएपी, 20 किलो सल्फर, 35 किलो जिंक आदि खाद की सुविधा प्राप्त होगी.