केंद्र सरकार नें देश के सभी राज्यों में नगर वन योजना की शुरुआत की है. सरकार का कहना है कि शहरीकरण के चलते वन की संख्या कम होती जा रही है. शहर में विशेष रूप से बढ़ता प्रदूषण का स्तर हमारे पर्यावरण को नुकसान पहुंचा रहा है. इस होने वाली क्षति को बचाने के लिए सरकार शहरी क्षेत्रों में पेड़ की संख्या को बढ़ाने के उद्देश्य से इस योजना की शुरुआत की है. इस परियोजना की निगरानी पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय रख रहा है.
नगर वन योजना का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य देश के विभिन्न हिस्सों में सिटी फॉरेस्ट बनाना है और हर शहर में एक नगर वन को उस शहर के नगरपालिका परिषद के अंतर्गत विकसित किया जाएगा. इसके अलावा शहर में पौधों की महत्वता के बारे में लोगों को जागरूक किया जा सकेगा.
देश में लगातार हो रहे शहरीकरण से शहर का कायाकल्प तो हो ही रहा है. लेकिन इस विकास के कारण पौधे, जिन्हें हरा फेफड़ा भी कहा जाता है, उनका उन्मूलन होता जा रहा है. शहर में हो रहे प्रदूषण, स्वच्छ हवा, ट्रैफिक का शोर और जल संरक्षण के प्रभावों को कम करने के लिए जंगल की आवश्यकता होती है. जिस कारण शहर में पेड़ की संख्या बढ़ाने की आवश्यकता है. शहर में विभिन्न प्रकार की वनस्पति और जीवों के संरक्षण के लिए लोगों को इसके महत्व के बारे में शिक्षित भी किया जाना है.
नगर वन योजना के लाभ( Benefits)
इस वन योजना के कारण देश के शहरों में वन की संख्या में बढ़ोत्तरी होगी, जिससे शहर का वातावरण स्वस्थ होगा. वन मंत्रालय इसके साथ ही शहरों में लगातार हो रहे वन दोहन पर भी निगरानी रखेगा.
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इस योजना के उद्देश्य से बिल्डरों द्वारा अवैध तरीके से किए जा रहे वन दोहन पर भी लगाम लगाने में आसानी होगी. इससे हर शहर में पौधों को संरक्षण देकर वातावरण को साफ रखने में मदद मिल सकेगी. इसके अलावा शहर में लगातार हो रहे प्रदूषण से भी जनता को निजात मिल सकेगी.