केंचुआ हमेशा से किसानों का सबसे अच्छा मित्र रहा है. मिट्टी को बिना नुकसान पहुंचाए यह नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश तथा अन्य सूक्ष्म तत्व जमीन को प्रदान करता है. ये भी सच है कि केंचुए की खाद कार्बन की मात्रा को सुधारने में सहायक होती है. इस समय भारत के अधिकतर क्षेत्रों में कड़ाके की ठंड पड़ रही है. ऐसे में फसलों को पाले की मार से बचाने के लिए किसान तरह-तरह के यतन कर रहे हैं. इसमें कोई दो राय नहीं कि फसलों को पाले से बचाना इस समय सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन क्या आपको पता है कि इस मामले में केंचुआ आपका सहायक हो सकता है? हां, चलिये आपको बताते हैं कि कैसे.
उपजाऊ शक्तियों से भरपूर है केंचुआ खाद
केंचुआ खाद को सामान्य कम्पोस्टिंग विधि से 2 से 3 महीने में तैयार किया जा सकता है. ये पूर्ण रूप से प्राकृतिक होती है. मिट्टी के भू-क्षरण को कम करते हुए ये उसके जलधारण की शक्ति को बढ़ाती है.
हानिकारक कीड़ों का करता है नाश
केंचुआ खाद खरपतवार की समस्या को कम करता है. इतना ही नहीं, ये कीड़ों के प्रकोप को भी कम करता है. सही तरह से इसका उपयोग अगर किया जाए तो ये महंगे रासायनिक उर्वरकों तथा कीटनाशकों से आपको छुटकारा दे सकती है. कई विशेषज्ञों का मानना है कि केंचुआ खाद ही किसानों को अनचाहे व्यय से छुटकारा दे सकती है. प्राकृतिक संतुलन को बनाए रखने के साथ ही खेतों के स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है.
पाले से सुरक्षा प्रदान करता है केंचुआ
जाड़े के इस मसम में फसलों को बचाने के लिए आप केंचुओं का सहारा ले सकते हैं. मिट्टी की उर्वरता को बनाए रखने में केंचुआ खाद सहायक है.