Dragon Fruit Farming: ड्रैगन फ्रूट की व्यावसायिक खेती कर किसान कमाएं भारी मुनाफा, बस इन बातों का रखें ध्यान केले के सड़ने की बीमारी को ऐसे करें प्रबंधित, यहां जानें पूरी विधि व अन्य जानकारी किसानों के लिए खुशखबरी! खरीफ सीजन से धान खरीद पर मिलेगा 500 रुपये बोनस, सरकार ने किया बड़ा ऐलान Cotton Cultivation: कपास के बीज किसानों को टोकन के माध्यम से किए जाएंगे वितरित भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Goat Farming: बकरी की टॉप 5 उन्नत नस्लें, जिनके पालन से होगा बंपर मुनाफा! Mushroom Farming: मशरूम की खेती में इन बातों का रखें ध्यान, 20 गुना तक बढ़ जाएगा प्रॉफिट! Success Story: लातूर के इस किसान को मिली अमरूद की बागवानी में सफलता, आज है लाखों में कमाई
Updated on: 31 March, 2024 3:05 PM IST
मूंग की उन्नत किस्म एम एच 114

Moong ki Kheti: किसानों के लिए मूंग की खेती/Moong Cultivation काफी लाभकारी होती है. दरअसल, मूंग दलहनी फसलों की प्रमुख फसल है. बता दें कि किसान मूंग की खेती खरीफ और जायद दोनों ही सीजन में कर अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. इसी क्रम में आज हम किसानों को मूंग की उन्नत किस्म/ Variety of Moong मूंग एम एच 1142 किस्म की जानकारी लेकर आए हैं. ताकि किसान कम समय व कम लागत में मूंग की बंपर पैदावार प्राप्त कर सके.

बता दें कि मूंग की उन्नत किस्म एम एच 1142/ Variety of Moong MH 1142 खेत में 63-70 दिनों के अंदर पककर तैयार हो जाती है. मूंग की इस किस्म को चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार के द्वारा विकसित किया गया है. ऐसे में आइए मूंग की इस उन्नत किस्म की जानकारी के बारे में विस्तार से जान सकते हैं...

मूंग की इस उन्नत किस्म की खासियत

  • इसमें पीला मोजेक, पत्ता झूरी, पत्ता मरोड़ जैसे विषाणु रोग और सफेद चूर्णी जैसे फफूंद रोगों से लड़ने की क्षमता है.

  • इसके अलावा मूंग की इस किस्म में सफेद मक्खी और थ्रिप्स जैसे रस चूसक कीट और अन्य फली छेदक कीटों का प्रभाव भी पहले वाली किस्मों की तुलना में बहुत कम होता है.

  • इस किस्म के बीज की फसल की कटाई आसानी से की जा सकती है.

  • इस किस्म का पौधा कम फैलावदार, सीधा और सीमित बढ़वार वाला होता है.

  • इस किस्म की फलियां काले रंग की और बीज मध्यम आकार के हरे और चमकीले होते हैं.

बुवाई के लिए अनुशंसित क्षेत्र

मूंग की उन्नत किस्म एम एच-1142/ Improved variety of Moong MH-1142 उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, राजस्थान, उत्तराखंड, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और असम के किसानों के लिए उप्युक्त है. इन क्षेत्रों में मूंग की इस किस्म की बुवाई कर किसान कम समय में अधिक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं. वहीं, अगर हर प्रति एकड़ खेत में बीज दर की बात करें, तो प्रति एकड़ खेत के लिए बीज दर 4-6 किलो की आवश्यकता होगी.

ये भी पढ़ें: ग्रीष्म कालीन मूंग की खेती

मूंग की उन्नत किस्म एम एच-1142 की पैदावार क्षमता

अगर किसान मूगं की उन्नत किस्म एम एच-1142 की बुवाई करते हैं, तो वह प्रति एकड़ 5-6 क्विंटल तक उपज प्राप्त कर सकते हैं. किसान इस किस्म की बुवाई वसंत में 15 फरवरी, ग्रीष्म में 15 अप्रैल, खरीफ में जून से जुलाई के बीच कर सकते हैं.

English Summary: variety of Moong MH 114 moong ki kheti kaise karen Chaudhary Charan Singh Haryana Agricultural University
Published on: 31 March 2024, 03:08 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now