जायटॉनिक टेक्नोलॉजी: क्यों है खेती का समग्र और स्थायी समाधान? सम्राट और सोनपरी नस्लें: बकरी पालक किसानों के लिए समृद्धि की नई राह गेंदा फूल की खेती से किसानों की बढ़ेगी आमदनी, मिलेगा प्रति हेक्टेयर 40,000 रुपये तक का अनुदान! किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ जायटॉनिक नीम: फसलों में कीट नियंत्रण का एक प्राकृतिक और टिकाऊ समाधान Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं
Updated on: 24 February, 2023 1:00 PM IST
फल-सब्जी की खेती के लिए कृषि यंत्र

देश में 6 हजार सब्‍जी पौध नर्सियां और बड़ी संख्‍या में फल के साथ ही सजावटी फसल नर्सियां हैं. सब्‍जी, फल और सजावटी फसल नर्सियों के लिए मशीनरियां भी विकसित की गई. ये मशीनरियां रूटिंग मीडिया (गोबर की खाद, रेत, मृदा, केंचुआ खाद और कोकोपीट) को छानने के लिए, मीडिया को मिश्रित करने, प्रोट्रे भरने और सभी फसलों के लिए प्रोट्रे में नर्सरी उगाने के साथ ही बीज रोपण करने के लिए उपयोगी हैं. फल और सजावटी फसल नर्सियों के लिए एक बैग फिलर विकसित किया गया. ये किसानों के लिए बहुत ही लाभदायक हैं. आइये इन मशीनों का उपयोग और लाभ से जुड़ी जानकारी आपको बताते हैं.

1. मोटर युक्‍त सीवर- एक टन प्रति घंटा रेत, मृदा, गोबर की खाद और केंचुआ खाद को छानने के लिए मोटर युक्त सीवर का इस्तेमाल किया जाता है. 

2. मोटर युक्‍त मीडिया मिक्‍सर- एक टन प्रति घंटा रेत, मृदा, गोबर की खाद और केंचुआ खाद को मिलाने के लिए मोटर युक्त मिक्‍स्‍र का इस्तेमाल किया जाता है. 

3. प्रोट्रे के लिए डिबलर कम सीडर- 150 प्रोट्रे प्रति घंटा क्षमता के साथ सब्‍जी नर्सियों के लिए घूमने वाले प्रोट्रे डिबलर और वैक्‍यूम सीडर का उपयोग होता है

4. नर्सरी के लिए बैग फिलर- 200 प्रोट्रे प्रति घंटा की क्षमता के साथ स्‍वचालित प्रोट्रे फिलिंग, डिबलिंग, सीडिंग, वाटरिंग मशीन का इस्तेमाल होता है. `

5 स्वचालित पोट्रे फिलिंग, डिबलिंग, सीडिंग और वाटरिंग मशीन- 1000 बैग प्रति घंटा के साथ फल और सजावटी नर्सियों के लिए थैली भरने वाली मशीन के तौर पर इस्तेमाल की जाती है. 

ये भी पढ़ेंः मंडी में फल, सब्जियों और फसल के दाम एक क्लिक में जानें...

इस सबके अलाव एक अर्का स्वचालित चोभने व बीज बोने का यंत्र भी है जो सब्जियों के पौध तैयार करने के लिए यह यंत्र व्यापक रूप से इस्तेमाल किए जाने वाले 98 खाने वाले प्रोट्रे के लिए उपयुक्त होता है. प्रति घंटे में 10 प्रोट्रे में बीज बोने के लिए लगभग 8 मानव श्रम की ज़रूरत होती है, जबकि इस से यंत्र प्रति घण्टे में 150 प्रोट्रे में बीजों की बुवाई की जा सकती है. इससे पौध की उत्पादन-लागत कम होती है, जिससे खेती की उत्पादक-सामग्रियों पर लगने वाली कुल लागत कम होती है. इस यंत्र का निर्माण टमाटर, शिमला मिर्च, बैंगन और मिर्ची के बीजों की बुवाई के लिए किया गया है. यंत्र से बुवाई किए गए ट्रे से 94% तक पौधे लिए जा सकते है और इसका अंकुरण-प्रतिशत हाथ से बुवाई करने के बराबर होता है.

English Summary: Use these agricultural machines for fruit-vegetable farming, there will be more profit in less cost
Published on: 24 February 2023, 12:30 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now