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Updated on: 13 November, 2022 5:24 PM IST
मिर्च से बनेगी लिपस्टिक

वाराणसी स्थित आईसीएआर-भारतीय सब्जी अनुसंधान संस्थान वैज्ञानिकों ने मिर्ची की एक अनोखी किस्म तैयार की है. इस किस्म की सबसे बड़ी खासियत ये है कि खाने के काम तो आएगी ही साथ ही इसके सुर्ख लाल रंग का इस्तेमाल सौंदर्य प्रसाधन के रुप में किया जाएगा. इस किस्म का नाम वीपीबीसी-535 रखा गया है.

अब जानते हैं इस किस्म के बारे में-

  • वीपीबीसी-535 किस्म में 15 प्रतिशत ओलेरोसिन होता है. यह किस्म सामान्य मिर्चों की अपेक्षा अधिक उत्पादन देती है. क्योंकि इसमें अधिक उर्वरकों का इस्तेमाल होता है.

  • इस मिर्च की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 400 से 500 ग्राम बीज की आवश्यकता होती है, सभी मानकों में ध्यान में रखा जाए तो यह प्रति हेक्टेयर 150 क्विंटल तक उपज दे सकती है.

  • इसकी खेती रबी और खरीफ दोनों ही सीजनों में की जा सकती है.

  • जो किसान वैज्ञानिक रूप से इस किस्म की खेती करने की योजना बना रहे हैं,  उन्हें जुलाई/अगस्त के महीनों में नर्सरी तैयार करनी चाहिए.

  • यह पककर तैयार होने के बाद पूरे सुर्ख लाल रंग की हो जाती है.

इसमें ओलियोरेजिन नाम का औषधीय गुण भी मौजूद है. सिंदूरी काशी मिर्च रंग के पिग्मेंट को सब्जी, सौंदर्य प्रसाधन में लिपस्टिक बनाने में किया जाएगा, सिंथेटिक रंग के हानिकारक प्रभावों से करोड़ों नागरिकों को बचाया जा सकेगा. 

कैसे करें खेत की तैयारी-

  • खेत की तैयारी करते समय 20-30 टन प्रति हेक्टेयर कम्पोस्ट अथवा गोबर की खाद का प्रयोग करना चाहिए. इसके बाद मिर्च के बीज बोए जाते हैं. बीज बुवाई के 30 दिनों के बाद पौधों को 45 सेंटीमीटर की दूरी से रोपित किया जाना चाहिए, ताकि पौधों के बीच में दूरी बनी रहे. प्रत्येक पंक्ति में 60 सेंटीमीटर की दूरी होनी चाहिए. इस मिर्च की खेती के लिए ज्यादा उर्वरकों का प्रयोग होता है. मिर्च को प्रति हेक्टेयर 120 किलोग्राम नाइट्रोजन, 80 किलोग्राम फास्फोरस और 80 किलोग्राम पोटाश की जरुरत होती है.

  • इस किस्म के पौधे फैले हुए होते हैं, यह एन्थ्रेक्नोज रोग के प्रतिरोधी होती है. बुवाई के 95-100 दिन में मिर्च के फल पकने लगते हैं और इसके फल 10-12 सेमी लंबे और 1.1-1.3 सेमी मोटे होते हैं. इसकी औसत उपज 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है. इस मिर्च की बिक्री से ऊंचे दाम मिलते हैं. सामान्य मिर्च जहां 30 रुपए प्रति किलोग्राम तक बिकती है, लेकिन काशी सिंदूरी 90 रुपये प्रति किलो तक बिक सकती है.

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  • बता दें कि काशी सिंदूरी किस्म खाने में स्वाद बढ़ाने के साथ ही सौंदर्य प्रसाधनों को बनाने के काम भी आएगी. इससे हर्बल कॉस्मेटिक इंडस्ट्री में इसकी मांग बढ़ेगी और किसानों को अच्छे दाम मिलेंगे. लिहाजा काशी सिंदूरी किस्म की खेती फायदे का सौदा साबित हो सकती है. किसान अन्य जानकारी के लिए नजदीकी कृष विभाग में संपर्क कर सकते हैं.

English Summary: Unique variety of chili developed, will also be used to make lipstick along with food
Published on: 13 November 2022, 05:29 PM IST

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