Poultry Farming: बारिश के मौसम में ऐसे करें मुर्गियों की देखभाल, बढ़ेगा प्रोडक्शन और नहीं होगा नुकसान खुशखबरी! किसानों को सरकार हर महीने मिलेगी 3,000 रुपए की पेंशन, जानें पात्रता और रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया खुशखबरी! अब कृषि यंत्रों और बीजों पर मिलेगा 50% तक अनुदान, किसान खुद कर सकेंगे आवेदन किसानों को बड़ी राहत! अब ड्रिप और मिनी स्प्रिंकलर सिस्टम पर मिलेगी 80% सब्सिडी, ऐसे उठाएं योजना का लाभ GFBN Story: मधुमक्खी पालन से ‘शहदवाले’ कर रहे हैं सालाना 2.5 करोड़ रुपये का कारोबार, जानिए उनकी सफलता की कहानी फसलों की नींव मजबूत करती है ग्रीष्मकालीन जुताई , जानिए कैसे? Student Credit Card Yojana 2025: इन छात्रों को मिलेगा 4 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन, ऐसे करें आवेदन Pusa Corn Varieties: कम समय में तैयार हो जाती हैं मक्का की ये पांच किस्में, मिलती है प्रति हेक्टेयर 126.6 क्विंटल तक पैदावार! Watermelon: तरबूज खरीदते समय अपनाएं ये देसी ट्रिक, तुरंत जान जाएंगे फल अंदर से मीठा और लाल है या नहीं Paddy Variety: धान की इस उन्नत किस्म ने जीता किसानों का भरोसा, सिर्फ 110 दिन में हो जाती है तैयार, उपज क्षमता प्रति एकड़ 32 क्विंटल तक
Updated on: 12 June, 2024 4:18 PM IST
"बीज अंकुरण दर को समझना: नर्सरी के नुकसान को रोकने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम"

बीज का अंकुरण, उस प्रक्रिया को कहते हैं, जिसमें बीज एक पौधे में बदलने लगता है. इसमें अंकुरण की क्रिया के समय एक छोटा पौधा बीज से निकलने लगता है. यह मुख्य रूप से तब होता है, जब बीज को आवश्यक पदार्थ और वातावरण मिल जाता है. इसके लिए सही तापमान, जल और वायु की आवश्यकता होती है. रोशनी का हर बीज के लिए होना अनिवार्य नहीं है, लेकिन कुछ बीज बिना रोशनी के अंकुरित नहीं होते हैं. अंकुरण के लिए जीवरेलीन हार्मोन की आवश्यकता है.

सामान्यतः किसान घर में रक्खे बीज का ही उपयोग खेती के लिए करता है. प्रगतिशील किसान हर साल कम से कम 20-25 प्रतिशत नये बीजों का उपयोग करते है, जबकि 75- 80 % घर के बीजों का प्रयोग करते है. कभी भी संकर बीजों से उत्पन्न दानों को बतौर बीज प्रयोग नही करना चाहिए. खेती में बीज के अच्छे अंकुरण की बहुत आवश्यकता होती है, क्योंकि यदि बीज का अच्छा अंकुरण नहीं हुआ तो उपज में भारी कमी आती है.

किसानों के लिए जरूरी सलाह

किसानों को सलाह दी जाती है की बुवाई के पूर्व हमें बीज के अंकुरण की सही जानकारी का होना अति आवश्यक है. यदि हमें बुवाई से पूर्व पता चल जाय की हमारे बीज का अंकुरण प्रतिशत क्या है तो उसी के अनुसार बीज की मात्रा निर्धारित करते है. इसलिए हर किसान को एक ऐसे बीज अंकुरण की विधि की जानकारी होनी चाहिए जो सरल एवं कम खर्चीली हो, पेपर विधि बीज अंकुरण का परीक्षण करने की एक ऐसी ही विधि है. बीज का अंकुरण बुवाई से एक सप्ताह पहले किया जाना चाहिए. इससे यह तय करने में मदद मिलेगी कि बीज परिवर्तन की आवश्यकता है या बीज की  मात्रा को बढ़ाने की आवश्यकता है. यदि बीज 80% से 90% तक अंकुरित होते हैं, तो वे अच्छे बीज माने जाते हैं. यदि बीज का अंकुरण 60% से 70% तक है, तो बुवाई के समय बीज की मात्रा को बढ़ाकर कमी की पूर्ति किया जा सकता है लेकिन यदि बीज का अंकुरण 50% से कम है तो इस तरह के बीज को बदल दें ताकि आपको फसल में नुकसान का सामना न करना पड़े.

पेपर से बीज अंकुरण की विधि

पेपर से बीज अंकुरण परीक्षण की प्रक्रिया एक प्रभावी और सरल विधि है. इसमें आप चार परत में एक पेपर लेते हैं, फिर इसे 3 या 4 बार मोड़ते हैं, फिर बिना छंटाई किए, बीज को कागज पर पंक्तिबद्ध कर रख दें. फिर पेपर के दोनों कोनों को धागे के साथ बंद कर दें. इसके बाद पेपर को पानी में भिगो दें. अतिरिक्त पानी को बाहर निकाल दें. पानी को निकालने के बाद पेपर को एक पॉलिथीन बैग में रखें और इसे अंदर घर में लटका कर रखें. 4-5 दिनों के बाद अखबार खोलें, अंकुरों की संख्या की गणना करें और बीज के अंकुरण का प्रतिशत जानें.

बता दें कि इस विधि का उपयोग धान के लिए नहीं किया जा सकता है. पूर्व में ही बीज की संख्या को गिन कर गमले में बुवाई करे एवं 4-5 दिन के बाद अंकुर को गिन कर भी इसका प्रतिशत निकाल सकते है, इसके माध्यम से भी बीज की मात्रा का निर्धारण किया जा सकता है.

English Summary: Understanding Seed Germination Percentage A Crucial Step to Avoid Nursery Losses
Published on: 12 June 2024, 04:19 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now