High Yield Wheat Variety: खरीफ फसलों की कटाई के साथ ही किसान रबी फसलों की तैयारी शुरू कर देते हैं. गेहूं की फसल भी रबी की प्रमुख फसलों में से एक है. धान के बाद, गेहूं भारत की सबसे महत्वपूर्ण अनाज की फसल है और भारत के उत्तर और उत्तरी पश्चिमी प्रदेशों के लाखों लोगों का मुख्य भोजन है. यही वजह है कि भारत में गेहूं की खेती मुख्यतः उत्तरी राज्यों जैसे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और बिहार में होती है.
भारत में गेहूं एक प्रमुख खाद्यान्न है. अतः गेहूं की खेती के लिए ज्यादा पैदावार देने वाली उन्नत किस्मों का चयन करना किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है ताकि उन्हें बेहतर उपज प्राप्त हो सके. यहां हम गेहूं की तीन प्रमुख उन्नत किस्मों—HD 3118 (पूसा वत्सला), HD 2967, और HD 3086 (पूसा गौतमी)—के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो अलग-अलग क्षेत्रों और परिस्थितियों में खेती के लिए उपयुक्त हैं-
गेहूं की उन्नत किस्म HD 3086 (पूसा गौतमी)
गेहूं की उन्नत किस्म HD 3086, जिसे पूसा गौतमी के नाम से भी जाना जाता है, उत्तरी भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए विशेष रूप से उपयुक्त है. यह किस्म न केवल बेहतर उपज देती है बल्कि पीले और भूरे रतुए रोगों के प्रति भी प्रतिरोधक क्षमता रखती है.
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खेती: समय पर बुवाई और सिंचित अवस्था के लिए उपयुक्त.
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औसत उपज:
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उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र: 6 क्विंटल/हेक्टेयर
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उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र: 1 क्विंटल/हेक्टेयर
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अधिकतम उपज:
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उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र: 81 क्विंटल/हेक्टेयर
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उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र: 0 क्विंटल/हेक्टेयर
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परिपक्वता:
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उत्तर पश्चिमी मैदानी क्षेत्र: 145 दिन
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उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र: 121 दिन
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क्षेत्र: यह किस्म पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के तराई क्षेत्र में उगाई जा सकती है.
गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967
गेहूं की उन्नत किस्म HD 2967, उत्तर पूर्वी मैदानी क्षेत्र के लिए विशेष रूप से उपयुक्त किस्म है. इस किस्म की उच्च प्रोटीन और आयरन तथा जिंक की मात्रा इसे स्वास्थ्य के लिए भी महत्वपूर्ण बनाती है. यह किस्म ब्रेड और चपाती बनाने के लिए भी बेहतरीन मानी जाती है.
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खेती: समय पर बुवाई और सिंचित अवस्था में बेहतर प्रदर्शन.
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औसत उपज: 45.5 क्विंटल/हेक्टेयर
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अधिकतम उपज: 65.5 क्विंटल/हेक्टेयर
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परिपक्वता: 122 दिन
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मुख्य विशेषताएं:
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पीले और भूरे रतुए रोगों के प्रति प्रतिरोधी.
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गोलाकार दाना (वजन 39 ग्राम प्रति 1000 दाने), प्रोटीन 2%.
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आयरन 7 PPM और जिंक 46.8 PPM.
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क्षेत्र: यह बिहार, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदानों में उगाई जा सकती है.
गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 (पूसा वत्सला)
गेहूं की उन्नत किस्म HD 3118 या पूसा वत्सला विशेष रूप से देर से बुवाई और सिंचित अवस्था के लिए उन्नत किस्म है. यह किस्म गेहूं की अन्य किस्मों के मुकाबले कम परिपक्वता समय लेती है और उत्तम चपाती गुणवत्ता प्रदान करती है.
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खेती: देर से बुवाई और सिंचित अवस्था में.
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औसत उपज: 41.7 क्विंटल/हेक्टेयर
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अधिकतम उपज: 66.4 क्विंटल/हेक्टेयर
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परिपक्वता: 112 दिन
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मुख्य विशेषताएं:
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पीले और भूरे रतुए रोगों के प्रति प्रतिरोधी.
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गीला ग्लूटेन प्रतिशत 8% और चपाती के लिए उत्कृष्ट गुणवत्ता (वैल्यू 7.5).
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क्षेत्र: इसे पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल (पहाड़ियों को छोड़कर) और उत्तर पूर्वी राज्यों के मैदानी क्षेत्रों में उगाया जा सकता है.