Maize Farming: रबी सीजन में इन विधियों के साथ करें मक्का की खेती, मिलेगी 46 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार! पौधों की बीमारियों को प्राकृतिक रूप से प्रबंधित करने के लिए अपनाएं ये विधि, पढ़ें पूरी डिटेल अगले 48 घंटों के दौरान दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे का अलर्ट, इन राज्यों में जमकर बरसेंगे बादल! केले में उर्वरकों का प्रयोग करते समय बस इन 6 बातों का रखें ध्यान, मिलेगी ज्यादा उपज! भारत का सबसे कम ईंधन खपत करने वाला ट्रैक्टर, 5 साल की वारंटी के साथ Small Business Ideas: कम निवेश में शुरू करें ये 4 टॉप कृषि बिजनेस, हर महीने होगी अच्छी कमाई! ये हैं भारत के 5 सबसे सस्ते और मजबूत प्लाऊ (हल), जो एफिशिएंसी तरीके से मिट्टी बनाते हैं उपजाऊ Mahindra Bolero: कृषि, पोल्ट्री और डेयरी के लिए बेहतरीन पिकअप, जानें फीचर्स और कीमत! Multilayer Farming: मल्टीलेयर फार्मिंग तकनीक से आकाश चौरसिया कमा रहे कई गुना मुनाफा, सालाना टर्नओवर 50 लाख रुपये तक घर पर प्याज उगाने के लिए अपनाएं ये आसान तरीके, कुछ ही दिन में मिलेगी उपज!
Updated on: 6 May, 2024 4:54 PM IST
गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट

Top Borer in Sugarcane: देश में बड़े पैमाने पर गन्ने की खेती की जाती है. उत्तर भारत के राज्यों में कुछ महीने पहले ही गन्ने की बुवाई हुई है. ऐसे में अब गन्ने की फसल अपना आकार लेने लगी है. लेकिन, किसानों के सामने एक नई चिंता खड़ी हो गई है. दरअसल, कुछ क्षेत्रों में गन्ने की फसल में चोटी बेधक (Top Borer in Sugarcane) का प्रकोप देखने को मिला है. ये कीट गन्ने के लिए बेहद हानिकारक माना जाता है. यह फसल के कल्ले को ही नष्ट कर देता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है.

चोटी बेधक कीट को Top Borer के नाम से भी जाना जाता है. वैसे तो किसानों को समय रहते इस कीट की रोकथाम के लिए उपाय कर लेने चाहिए. लेकिन, अगर ऐसा न किया जाए तो ये पूरी फसल बर्बाद कर सकता है. इस कीट को लोकल भाषा में कई अन्य नामों से भी जाना जाता है. इसे किसान कंसुवा, कन्फ्ररहा, गोफ का सूखना, सुंडी का लगना आदि नामों से भी जानते हैं. आइए जानते हैं की अगर गन्ने की फसल में चोटी बेधक कीट लग जाए, तो इसकी रोकथाम के लिए किसानों को क्या करना चाहिए.

कैसे करें चोटी बेधक कीट की रोकथाम?

कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार चोटी बेधक कीट की रोकथाम के लिए सबसे पहले कीटनाशक छिड़काव करें. इस कीटनाशक की रोकथाम के लिए सबसे अधिक कोराजन का प्रयोग किया जाता है. यह 75ml और 150ml के पैक में उपलब्ध रहता है. 150ml का उपयोग एक एकड़ के लिए किया जाता है. 150ml की शीशी को 10 टंकियों में मिलाकर पौधे की जड़ पर डालना होता है. ध्यान दें इसे स्प्रे नहीं किया जाता है. इसको टंकी के नाजिल को खोलकर पौधों की जड़ पर डाला जाता है.

ये भी पढ़ें: Ginger Cultivation : इस विधि से करें अदरक की खेती, प्रति हेक्टेयर मिलेगा 200 क्विंटल तक का उत्पादन

खेत से निकाल दें चोटी बेधक कीट से ग्रसित पौधे

चोटी बेधक कीट से ग्रसित कल्लों को जमीन के बराबर या थोड़ा नीचे से काट लें और इसे खेत के बाहर कहीं सुरक्षित स्थान पर डाल दें, जिससे कि अन्य पौधों में न फैले. इन कल्लों को जानवरों को भी खिला सकते हैं.

कब करें सिंचाई 

खेत में कोराजन लगाने के बाद एक से 2 दिन के अंदर सिंचाई अवश्य कर दें, जिससे कि कीटनाशक पूरे खेत में मिल सके. सिंचाई करने के बाद हो सके तो खेत की जुताई-गुड़ाई करने से बचे, हलांकि अगर जरूरत हो तो कर भी सकते हैं, लेकिन संभव हो तो दूसरी सिंचाई के बाद ही जुताई गुड़ाई करें. दूसरी सिंचाई 10 से 12 दिनों के अंतराल पर अवश्य करें. इसके बाद खेत की अच्छे से जुताई गुड़ाई करें.

English Summary: Top Borer in Sugarcane pest attack on Sugarcane farming
Published on: 06 May 2024, 04:56 PM IST

कृषि पत्रकारिता के लिए अपना समर्थन दिखाएं..!!

प्रिय पाठक, हमसे जुड़ने के लिए आपका धन्यवाद। कृषि पत्रकारिता को आगे बढ़ाने के लिए आप जैसे पाठक हमारे लिए एक प्रेरणा हैं। हमें कृषि पत्रकारिता को और सशक्त बनाने और ग्रामीण भारत के हर कोने में किसानों और लोगों तक पहुंचने के लिए आपके समर्थन या सहयोग की आवश्यकता है। हमारे भविष्य के लिए आपका हर सहयोग मूल्यवान है।

Donate now