कृषि उत्पादन में भारत दुनिया भर में दूसरे स्थान पर आता है। इसका कारण यह है कि भारत के किसान मोटे अनाज, दूध, दालों और अन्य कई फसलों का बड़े पैमाने पर उत्पादन करते हैं। वर्तमान समय में किसान रबी फसलों की बुवाई में लगे हुए हैं, लेकिन अगर किसान मक्का की खेती करते हैं, तो उन्हें बेहतर मुनाफा मिल सकता है। मक्का एक प्रमुख फसल है, जिसकी खेती देश के कई राज्यों में की जाती है और यह किसानों के लिए आय का एक मजबूत स्रोत बन चुकी है।
आइए जानते हैं मक्का की इन बेहतरीन और उन्नत किस्मों के बारे में विस्तार से-
1.पूसा विवेक हाइब्रिड 27 (इम्प्रूव्ड संकर मक्का)
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इस किस्म को तैयार होने में लगभग 84 दिन का समय लगता है।
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इसकी औसतन उपज 48.5 से 54.1 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक होती है।
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इस किस्म में प्रोटीन की मात्रा अधिक पाई जाती है।
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यह किस्म बिहार और उत्तर प्रदेश के सिंचित इलाकों के लिए उपयुक्त है।
2. एक्स-1174 डब्ल्यू.वी. (X-1174 W.V)
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यह एक लोकप्रिय संकर मक्का की किस्म है जो 80 से 85 दिन में पककर तैयार हो जाती है।
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इसके दाने पीले-नारंगी रंग के होते हैं, जो इसकी पहचान है।
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औसतन उपज 25 से 35 क्विंटल प्रति एकड़ तक मिलती है।
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यह किस्म सिंचित क्षेत्रों के लिए उपयुक्त है और पूरे भारत में सफलतापूर्वक उगाई जा सकती है।
3. प्रकाश जे.एच. 3189 (Prakash JH 3189)
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यह किस्म एक संकर मक्का की प्रजाति है।
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यह लगभग 80 से 85 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
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इस किस्म से किसान 25 से 30 क्विंटल प्रति एकड़ तक पैदावार प्राप्त कर सकते हैं।
4.पार्वती (दो भुट्टों वाली देसी किस्म)
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इस किस्म को तैयार होने में 110 से 115 दिन तक का समय लगता है।
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इसकी खासियत यह है कि एक पौधे पर औसतन दो भुट्टे लगते हैं।
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यह किस्म लगभग 14 क्विंटल प्रति एकड़ तक उपज देती है।
मक्का की खेती से कितना होगा लाभ?
मक्का की खेती किसानों के लिए अब एक बेहद लाभदायक बिजनेस बन चुकी है। सामान्य तौर पर किसान प्रति हेक्टेयर ₹35,000 से ₹60,000 तक का शुद्ध मुनाफा कमा लेते हैं। अगर किसान उन्नत बीज किस्मों, संतुलित खाद, आधुनिक सिंचाई तकनीक और समय पर कीट नियंत्रण का उपयोग करें, तो यह मुनाफा बढ़कर ₹1 लाख से ₹2.5 लाख प्रति हेक्टेयर तक पहुंच सकता है।