टमाटर की मांग हर मौसम में बनी रहती है। इसी कारण किसान टमाटर की खेती को बेहद लाभदायक मानते हैं। टमाटर हर घर की जरूरत है - चाहे सब्जी बनानी हो या सलाद तैयार करना हो, टमाटर सबसे पहले उपयोग में आता है। केवल देश ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी टमाटर की मांग लगातार बढ़ रही है। इस कारण अब अधिकतर किसान टमाटर की खेती की ओर रुख कर रहे हैं और कम लागत में अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं।
टमाटर की 5 उन्नत किस्में
1. पूसा रूबी
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यह किस्म टमाटर की सबसे पुरानी और भरोसेमंद किस्मों में से एक है।
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यह बहुत कम दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
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प्रति हेक्टेयर 400 से 450 क्विंटल तक उत्पादन देती है।
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इसकी सबसे बड़ी विशेषता है कि इसमें रोग प्रतिरोधक क्षमता होती है।
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स्वाद थोड़ा तीखा होता है और यह किस्म सर्दी व गर्मी दोनों सीजन के लिए उपयुक्त है।
2. पंजाब छुहारा
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यह किस्म किसानों को बढ़िया मुनाफा दे सकती है।
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इसकी औसत उपज लगभग 400 से 450 क्विंटल प्रति हेक्टेयर होती है।
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यह किस्म लगभग 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है।
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इसके फलों में बीज बहुत कम होते हैं, जो इसे बाजार में अधिक लोकप्रिय बनाते हैं।
3. पंत पॉलीहाउस टमाटर किस्म
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यह किस्म विशेष रूप से पॉलीहाउस खेती के लिए विकसित की गई है।
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किसानों को इससे प्रति हेक्टेयर 1000 से 1200 क्विंटल तक उत्पादन मिल सकता है।
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यह किस्म कई सामान्य रोगों जैसे लीफ कर्ल वायरस और फफूंद के प्रति प्रतिरोधी है।
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उच्च उत्पादन क्षमता के कारण यह किस्म किसानों के लिए अत्यधिक लाभदायक है।
4. काशी विशेष
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इस किस्म से प्रति हेक्टेयर 400-450 क्विंटल या उचित परिस्थितियों में 600-700 क्विंटल तक उपज मिल सकती है।
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यह केवल 70-75 दिनों में परिपक्व हो जाती है।
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यह किस्म सूखे की स्थिति को सहन करने में सक्षम है, जो इसे अन्य टमाटर किस्मों से अलग बनाती है।
5. हिसार अनमोल
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यह टमाटर की लोकप्रिय किस्म बड़े आकार के फलों के लिए जानी जाती है।
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बाजार में इसकी मांग सबसे अधिक रहती है।
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यह प्रति हेक्टेयर 600 से 700 क्विंटल तक उपज देती है।
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यह किस्म केवल 85 दिनों में तैयार हो जाती है।
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साथ ही यह फफूंदी, झुलसा रोग और लीफ कर्ल वायरस जैसी आम बीमारियों के प्रति प्रतिरोधक है।
पैदावार क्षेत्र और बुवाई का समय
किसान यदि इन टमाटर किस्मों की बुवाई अक्टूबर-नवंबर के महीनों में करें, तो उन्हें सर्वोत्तम परिणाम मिलते हैं। इस दौरान मिट्टी में नमी अधिक होती है और फसल की वृद्धि बेहतर होती है।
विभिन्न किस्मों के लिए उपयुक्त क्षेत्र:
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पूसा रूबी: दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा, पश्चिम बंगाल और बिहार
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पंजाब छुहारा: पंजाब राज्य के किसानों के लिए उपयुक्त
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पंत पॉलीहाउस: उत्तर भारत के मैदानी क्षेत्रों के लिए बेहतर
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काशी विशेष: उत्तर प्रदेश (विशेष रूप से वाराणसी) के लिए सर्वश्रेष्ठ
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हिसार अनमोल: हरियाणा (हिसार क्षेत्र) के किसानों के लिए बंपर पैदावार देने वाली किस्म