लहसुन की खेती किसानों के लिए कम समय में अच्छा सौंदा साबित हो रही है. मार्केट में भी लहसुन की डिमांड हर मौसम में बनी रहती है, क्योंकि लहसुन का इस्तेमाल हर सब्जी को बनाने में किया जाता है. जिससे किसानों को इस फसल की खेती में अच्छा मूल्य मिल जाता है. अगर आप लहसुन की खेती करने की सोच रहे हैं तो इसकी विभिन्न किस्मों में ऐसी किस्म का चुनाव करें जो आपके भूमि और जलवायु के अनुकूल हो ताकि बेहतर उत्पादन कर सकें..
लहसुन की खेती कब करें?
देश में कुछ ऐसी फसले हैं जिनकी पैदावार सीजन के अनुसार ही होती है. उन्हीं में से एक है लहसुन जिसकी उन्नत किस्मों की बुवाई किसान अक्टूबर के महीने में कर सकते हैं और कम समय में अच्छी पैदावार कर बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
लहसुन की उन्नत किस्में
एग्रीफाउण्ड सफेद जी-41
लहसुन की ये किस्म किसानों के लिए अच्छा ऑप्शन है. यह किस्म कम समय यानी 160 से 165 दिनों में पककर तैयार हो जाती है. प्रति हेक्टेयर औसत उपज 125 से 130 क्विंटल तक किसान प्राप्त कर सकते हैं. इस किस्म की खासियत है यह बैंगनी धब्बा और झुलसा रोग के लिये प्रतिरोधी किस्म है. इस किस्म की पहचान इसके कंद ठोस होते हैं और इस किस्म की प्रत्येक कंद में कलियों की संख्या 20 से 25 होती है.
यमुना सफेद 2 जी-50
यमुना सफेद 2 जी-50 लहसुन किस्म की खेती से 130 से 140 क्विंटल प्रति हेक्टेयर तक पैदावार कर सकते है. साथ ही ये लहसुन की उन्नत किस्म मात्र 165 से 170 दिन में तैयार हो जाती है. लहसुन की यह किस्म अन्य किस्मों से अधिक पैदावार देती है जिसका किसानों को बड़ा लाभ हो सकता है.
जी 282 लहसुन की किस्म
लहसुन की इस किस्म से किसान शानदार मुनाफा कमा सकते हैं. इसकी गांठे बड़ी होती है. यह सफेद रंग की होती है. किसान इस किस्म की खेती करके करीब प्रति हेक्टेयर 175 से 200 क्विंटल तक पैदावार प्राप्त करके बाजार में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं.
यमुना सफेद-3 जी-282
लहसुन की यह किस्म लगभग 140 से 150 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की अगर पहचान करनी है तो आप इसकी 15 से 18 कलियों से कर सकते हैं और लहसुन की इस किस्म से किसान अपने खेतों में तकरीबन प्रति हेक्टेयर 150-175 क्विंटल तक औसत उपज बड़ी आसानी से प्राप्त कर सकते हैं.