Millets Varieties: श्री अन्न यानी मोटे अनाज के अंतर्गत आठ फसलें आती हैं जिसमें बाजरा प्रमुख फसल है. वही बाजरा की खेती भारत के लगभग सभी राज्यों में होती है लेकिन बाजरा उत्पादन के मामले में राजस्थान, कर्नाटक, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, गुजरात और मध्य प्रदेश अव्वल हैं. इन राज्यों के किसान इसका उत्पादन करके बेहतर मुनाफा कमाते हैं. इसके अलावा, बाजरा एक ऐसी फसल है जिसकी खेती सीमित वर्षा वाले क्षेत्रों तथा बहुत कम उर्वरकों की मात्रा के साथ करके अच्छा उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है. हालांकि, अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए यह बेहद जरूरी है कि किसान सही बीजों का चयन करें. सीधे शब्दों में कहें तो बीज शुद्ध होने चाहिए और उनका अंकुरण प्रतिशत मानक स्तर का होना चाहिए...
वही किसानों को सही बीज तभी मिलता है जब वह एक विश्वसनीय कंपनी से बीज को खरीदें. अगर आप एक किसान हैं और इस सीजन में बाजरा की खेती करने की सोच रहे हैं; और आपको बाजरा की ऐसी किस्मों की तलाश हैं जिनकी उत्पादन क्षमता बहुत बहुत बढ़िया है तो आप शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स कंपनी द्वारा विकसित बाजरा बीज खरीद सकते हैं. यह कंपनी लगभग तीन दशक से अधिक समय से कृषि क्षेत्र में लगातार कार्यरत है. साथ ही इस कंपनी द्वारा विकसित बाजरे की उन्नत किस्म सालों से किसानों की पहली पसंद बने हुए हैं. इन किस्मों की खेती करके किसान शानदार मुनाफा भी कमा रहे हैं.
बाजरा की उन्नत किस्में/Improved Varieties of Millet
शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स कंपनी द्वारा बाजरा की कई किस्मों को विकसित किया गया है जिनमें योद्धा, योद्धा प्लस और धमाल किस्में प्रमुख हैं. ऐसे में आइए बाजरे की इन किस्मों के बारे में विस्तार से जानते हैं-
योद्धा: बाजरे की उन्नत किस्म ‘योद्धा’ एक हाइब्रिड यानी संकर किस्म है. यह किस्म 50 प्रतिशत पुष्पावस्था में महज 52-55 दिन में पहुंच जाती है. किसानों के बीच यह किस्म अपनी अधिक उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है. यह किस्म 82-87 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की ऊंचाई लगभग 285-290 सें.मी. होती है. इसके अलावा इस किस्म का तना मजबूत और मोटा होता है जबकि पत्ते चौड़े और गहरे हरे रंग के होते हैं. तना मजबूत होने के कारण पौधा गिरता नहीं है. वही प्रत्येक पौधा से 8-10 उत्पादक कल्ले निकलते हैं. साथ ही यह किस्म डाऊनी मिल्डयू रोग प्रतिरोधी है यानी इस किस्म में डाऊनी मिल्डयू रोग नहीं लगता है जोकि बाजरे की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों में से एक है. अतः किसान बाजरे की योद्धा किस्म की खेती कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं.
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योद्धा प्लस: बाजरे की उन्नत किस्म ‘योद्धा प्लस’ एक हाइब्रिड किस्म है. यह किस्म 50 प्रतिशत पुष्पावस्था में महज 50-55 दिन में पहुंच जाती है. किसानों के बीच यह किस्म भी अपनी अधिक उत्पादन क्षमता के लिए जानी जाती है. यह किस्म 82-87 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की ऊंचाई लगभग 300-310 सें.मी. होती है. इसके अलावा इस किस्म की बाली ठोस और तना मजबूत होता है जबकि पत्ते चौड़े और गहरे हरे रंग के होते हैं. तना मजबूत होने के कारण पौधा गिरता नहीं है. वही प्रत्येक पौधा से 10-12 उत्पादक कल्ले निकलते हैं. साथ ही यह किस्म डाऊनी मिल्डयू रोग प्रतिरोधी है यानी इस किस्म में डाऊनी मिल्डयू रोग नहीं लगता है जोकि बाजरे की फसल में लगने वाले प्रमुख रोगों में से एक है.
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धमाल: बाजरे की उन्नत किस्म ‘धमाल’ एक हाइब्रिड किस्म है. यह किस्म 50 प्रतिशत पुष्पावस्था में महज 48-52 दिन में पहुंच जाती है. वही यह किस्म 75-80 दिनों में तैयार हो जाती है. इस किस्म की ऊंचाई लगभग 300-310 सें.मी. होती है. इसके अलावा इस किस्म के सिट्टे गठीले, सुडौल व 25-30 सें.मी. लम्बे तथा दानों का रंग हल्का स्लेटी होता है. वही प्रत्येक पौधा से 6-8 उत्पादक कल्ले निकलते हैं. साथ ही यह किस्म जोगिया रोग प्रतिरोधी है यानी इस किस्म में जोगिया रोग नहीं लगता है. वही पूरे खेत में फसल एक समान होती है.
शक्ति वर्धक हाइब्रिड सीड्स कंपनी द्वारा योद्धा, योद्धा प्लस और धमाल के अलावा बाजरे की दो और उन्नत किस्में शगुन प्लस और मुखिया भी विकसित की गई हैं.
नोट: बाजरे की इन उन्नत किस्मों के बारे में अधिक जानकारी के लिए किसान नंबर- 8090100540 पर कॉल कर कंपनी से संपर्क कर सकते हैं.