प्याज एक ऐसी फसल है जिसकी मांग बारह महीने बनी रहती है. प्याज का इस्तेमाल हर सब्जी को बनाने में किया जाता है - चाहे वह चिकन बिरयानी हो या मटर पनीर सभी सब्जियों में प्याज का विशेष उपयोग किया जाता है. आज हम किसानों के लिए लेकर आए हैं भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) द्वारा विकसित की गई कुछ प्याज की उन्नत किस्मों के बारे में जानकारी, जिनकी खेती कर किसान तगड़ा मुनाफा कमा सकते हैं.
प्याज की टॉप 3 उन्नत किस्में
पूसा रिद्धि (Sel-338)
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पूसा रिद्धि एक उच्च गुणवत्ता वाली प्याज किस्म है जिसे IARI ने 2019 में जारी किया. यह किस्म दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर के लिए अनुशंसित है. 
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इस किस्म के पौधे की ऊंचाई 50-60 सेमी होती है और पत्तियां मोमदार, सीधी व कम हरी होती हैं, जिससे रोगों का प्रभाव कम होता है. 
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औसत व्यास 5-6.5 सेमी और प्रति कंद वजन लगभग 60-75 ग्राम होता है. 
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इस किस्म से किसान 31 टन/हेक्टेयर की औसत उपज प्राप्त कर सकते हैं. 
पूसा शोभा (Sel-126)
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पूसा शोभा प्याज की उन्नत किस्म है, जो दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा, बिहार, पंजाब, राजस्थान, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा जैसे राज्यों में खेती के लिए उपयुक्त है. 
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इसकी औसत उपज लगभग 25 टन प्रति हेक्टेयर है, जिससे किसान अधिक मुनाफा कमा सकते हैं. 
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इस किस्म के कंद सख्त, चपटे और गोल होते हैं, जो भंडारण, प्रसंस्करण और निर्यात के लिए बेहद उपयुक्त माने जाते हैं. 
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इस किस्म में घुलनशील ठोस (17-20 ब्रिक्स) अधिक होते हैं, जिससे इसकी गुणवत्ता और बाजार मूल्य बेहतर मिलता है. 
पूसा सोना (Sel-126)
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पूसा सोना प्याज की एक उन्नत किस्म है जिसे भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने वर्ष 2019 में किसानों के लिए जारी किया. यह किस्म खासतौर पर दिल्ली, राजस्थान, हरियाणा, जम्मू-कश्मीर और पंजाब जैसे प्रमुख प्याज उत्पादक राज्यों में खेती के लिए उपयोगी है. 
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इस किस्म की खासियत है कि इसके पौधे की ऊंचाई लगभग 50-60 सेमी होती है और इसकी पत्तियां कम हरी, मोमदार व सीधी खड़ी रहती हैं, जिससे पौधा मजबूत बनता है और रोगों का प्रभाव कम पड़ता है. 
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किसानों को यह किस्म लगभग 25 टन प्रति हेक्टेयर की औसत उपज दे सकती है. 
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साथ ही यह किस्म बाजार में अच्छी कीमत दिलाने और लंबे समय तक भंडारण के लिए भी उपयुक्त मानी जाती है. 
किसानों की कितनी होगी कमाई?
अगर किसान प्याज की इन किस्मों की खेती करते हैं, तो वे एक सीजन में बढ़िया कमाई कर सकते हैं. उदाहरण के तौर पर, किसान अगर अपने खेत के एक बीघा जमीन में प्याज की बुवाई करते हैं, तो वे करीब ₹40,000 तक की कमाई कर सकते हैं. यह लाभ बाजार भाव, उत्पादन और लागत पर निर्भर करता है.