भारत में टमाटर की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है. जिन राज्यों में अधिक उत्पादन होता है उनमें मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, महाराष्ट्र, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, बिहार, तेलंगाना और उत्तर प्रदेश शामिल हैं. देश में टमाटर का उत्पादन क्षेत्र लगभग 91% है, जो इस खेती की लोकप्रियता को दर्शाता है. आज हम जिस किस्म की बात कर रहे हैं वह है सीजेंटा प्रभेद टमाटर, जिसकी खेती करके किसान दोगुना मुनाफा कमा सकते हैं.
टमाटर की इस किस्म से कितनी मिलेगी उपज?
टमाटर की यह वैरायटी किसानों के लिए बेहद फायदेमंद है.
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इस किस्म की खेती करने पर किसान कम जमीन में भी अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं.
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बड़े किसानों के साथ–साथ छोटे किसान भी स्कैटिंग (सहारा तकनीक) का उपयोग करके कम भूमि में अच्छी पैदावार हासिल कर सकते हैं.
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यह किस्म उपज क्षमता के मामले में अन्य किस्मों की तुलना में अधिक लाभ देती है.
जैविक खेती से मिलेगी बंपर पैदावार
कई बार रासायनिक खादों के अत्यधिक उपयोग से फसलों की उपज उम्मीद से कम हो जाती है.
यदि किसान इस किस्म की खेती जैविक तरीके से करें, तो—
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मिट्टी की उर्वरकता बढ़ेगी
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टमाटर की गुणवत्ता बेहतर होगी
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पौधों में रोगों की संभावना कम होगी
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उत्पादन में उल्लेखनीय बढ़ोतरी होगी
जैविक खादों का उपयोग इस किस्म की उपज को कई गुना बढ़ा देता है.
कितनी होगी कमाई?
यदि किसान इस किस्म की खेती जैविक तरीके से करते हैं, तो वे- 1 बीघा से लगभग ₹3 लाख तक की कमाई कर सकते हैं. इसके अलावा, बाजार में इस किस्म की मांग अधिक होती है, जो इसे और भी लाभदायक बनाती है.
सीजेंटा प्रभेद टमाटर की विशेषताएं
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यह किस्म जल्दी फल देने वाली और अधिक उपज देने वाली प्रतिरोधी किस्म है.
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इसके फलों की शेल्फ लाइफ लंबी होती है, जिससे किसान फसल को अगले दिन भी आराम से बेच सकते हैं और बढ़िया मुनाफा कमा सकते हैं.
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किसान इस किस्म को खरीफ, रबी और गर्मी—तीनों मौसमों में उगा सकते हैं और नियमित आय अर्जित कर सकते हैं.